केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) सोमवार, 29 मई को मणिपुर (Manipur) की राजधानी इंफाल पहुंचे. इसके तुरंत बाद वो मीटिंग करने के लिए मुख्यमंत्री सचिवालय गए. मीटिंग में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और उनकी मंत्रिपरिषद के अलावा केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय, कंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के अलावा इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक तपन कुमार डेका और कई अन्य लोग शामिल हुए. ये मीटिंग रात 9:40 बजे से रात 10:45 बजे तक चली.
राज्य में विभिन्न स्थानों से गोलीबारी, तोड़फोड़ और आगजनी के कई मामलों के साथ हिंसा की खबरें सामने आई हैं. रविवार, 28 मई से अब तक दर्जनों लोगों के घायल होने के अलावा एक पुलिसकर्मी सहित कम से कम दो लोगों के मौत की खबर है.
मणिपुर में चल रहे संकट का आकलन करने के लिए अमित शाह की चार दिवसीय यात्रा के दौरान निर्धारित कई सुरक्षा समीक्षा बैठकों में से यह पहली मीटिंग थी. बाद में अमित शाह ने इम्फाल में राज्यपाल अनुसुइया उइके से भी मुलाकात की.
एजेंडे में क्या है?
मणिपुरी सरकार के एक अधिकारी ने कहा ने कहा कि प्राथमिक ध्यान सामान्य स्थिति बहाल करने और जल्द से जल्द राज्य में शांति लाने पर होगा. केंद्र और राज्य सरकारें मणिपुर के लोगों के लिए स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेंगी.
Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऐसा करने के तरीकों में से एक स्थिति को हल करने के तरीकों पर चर्चा के लिए मैतेई और कुकी को एक साथ लाना और उन्हें "हथियार डालने" के लिए राजी करना है.
रिपोर्ट के मुताबिक गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि समुदायों को सुरक्षा का आश्वासन दिया जाएगा और हथियार डालने के लिए कहा जाएगा ताकि बातचीत के जरिए चीजों को हल करने के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया जा सके.
कुकी पहले से ही शांति समझौते के लिए सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं, कुछ इलाकों में स्वायत्तता की उनकी कुछ मांगों पर विचार किया जाएगा.
इसके अलावा सरकार "गलत सूचनाओं और अफवाहों का मुकाबला करने" के लिए भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के सहयोग से टेलीफोन लाइनें स्थापित करेगी.
कथित तौर पर, अमित शाह का उद्देश्य संकट से प्रभावित लोगों के लिए राहत उपायों में तेजी लाना है. मणिपुरी के एक अधिकारी ने बताया कि पेट्रोल, एलपीजी गैस, चावल और अन्य दैनिक जरूरतों की चीजें आसानी से उपलब्ध कराई जाएंगी.
इसके अलावा मृतक के परिवारों को मुआवजा भी मिलेगा. मुआवजे के रूप में 10 लाख रुपये की राशि दी जाएगी, जिसमें 5 लाख रुपये राज्य और 5 लाख रुपये केंद्र द्वारा वहन किए जाएंगे. इसके साथ ही हर मृतक के परिवार को एक-एक नौकरी दी जाएगी.
अमित शाह के दौरे का दूसरा दिन
अमित शाह ने मंगलवार, 30 मई को अपनी यात्रा के दूसरे दिन नागरिक समाज संगठनों के सदस्यों और महिला नेताओं के एक समूह से मुलाकात की.
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि इंफाल में विभिन्न नागरिक समाज संगठनों के सदस्यों के साथ उनकी "अच्छी चर्चा" हुई. शाह ने कहा कि उन्होंने शांति के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और आश्वासन दिया कि हम साथ मिलकर मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने का मार्ग प्रशस्त करने में योगदान देंगे.
एक अन्य ट्वीट में अमित शाह ने कहा कि मणिपुर में महिला नेताओं (मीरा पैबी) के एक ग्रुप के साथ बैठक की. मणिपुर के समाज में महिलाओं की भूमिका के महत्व को दोहराया कि साथ मिलकर, हम राज्य में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
इंफाल में अपनी बैठकों के ठीक बाद, अमिह शाह चुराचंदपुर जिले (जो संघर्ष का केंद्र था) के लिए रवाना हुए, जहां उन्हें आदिवासी नागरिक समाज के नेताओं से मिलने की उम्मीद है.
हाल ही में मेइती और कुकी समुदायों के बीच हुई हिंसा में घायल हुए लोगों से मिलने के लिए मंत्री के अस्पतालों का दौरा करने की भी संभावना है.
'हम मणिपुर की एकता के पक्ष में हैं'
अमित शाह की यात्रा के जवाब में मेइतेई संगठन, मणिपुर अखंडता पर समन्वय समिति (COCOMI) ने एक बयान में कहा कि यह राज्य में शांति बहाल करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम था.
कोकोमी के समन्वयक जीतेंद्र निमगोनबा ने कहा कि हम कुकी सहित सभी के लिए बोल रहे हैं. हम मणिपुर की एकता के लिए हैं, लेकिन हम कुकी उग्रवादियों के खिलाफ हैं. हम मंगलवार को गृह मंत्री से मिल सकते हैं.
यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (UPF) और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (KNO) (कुकी उग्रवादी संगठन) ने शाह की यात्रा का स्वागत किया. उसने बयान साझा करते हुए कहा कि
हम दो समुदायों के बीच चल रहे इस जातीय संघर्ष को खत्म करने के लिए उनके कार्यों और निर्देशों की प्रतीक्षा कर रहे हैं. हम कुकी-जो आबादी से शांति बनाए रखने और राज्य में उनके शांति मिशन के परिणाम की प्रतीक्षा करने की अपील करते हैं.
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