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महाराष्ट्र में हिंसक हुआ मराठा आंदोलन, अब बुधवार को मुंबई बंद

आरक्षण की मांग मानने तक आंदोलन जारी रखने की बात कर रहे मराठा समुदाय के लोग

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भारत
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  • महाराष्ट्र में एक शख्स की खुदकुशी के बाद हिंसक हुआ मराठा आंदोलन
  • बुधवार को मुंबई बंद का ऐलान
  • सरकारी नौकरियों-शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की मांग
  • औरंगाबाद में फायर ब्रिगेड की गाड़ी में आग लगाई गई
  • मराठा समुदाय के 4 लोगों ने खुदकुशी की कोशिश की
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महाराष्ट्र में मराठाओं के आरक्षण की मांग ने मंगलवार को हिंसक रूप ले लिया. इस हिंसा की चपेट में आकर एक पुलिसकर्मी और 4 दूसरे लोग जख्मी हो गए. इसके अलावा 4 लोगों ने खुदकुशी की कोशिश की. एक दर्जन से ज्यादा वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया या जला दिया गया और एक सांसद और विधानसभा पार्षद के साथ धक्का-मुक्की की गई. अब कई मराठा संगठनों ने बुधवार को 'मुंबई बंद' रखने का आह्वान किया है.

दरअसल, सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर सोमवार को एक शख्स ने औरंगाबाद में नदी में कूद कर जान दे दी थी. आरक्षण की मांग करने वाले एक मराठा नेता ने कहा कि उन्होंने पूरे राज्य में बंद का आह्वान किया है और जब तक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समुदाय से माफी नहीं मांग लेते ये विरोध जारी रहेगा.

आरक्षण की मांग मानने तक आंदोलन जारी रखने की बात कर रहे मराठा समुदाय के लोग
मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र बंद,औरंगाबाद में भीड़ ने लिया हिंसक रूप
(फोटो: पीटीआई)
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कई ने की खुदकुशी की कोशिश

पुलिस ने बताया कि औरंगाबाद जिले के कायगांव निवासी 27 साल के काकासाहब शिंदे एक पुल से गोदावरी नदी में कूद गया था. उसे नदी से निकालकर अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. शिंदे की मौत के बाद से ही महाराष्ट्र के कई हिस्सों में नये सिरे से प्रदर्शन शुरू हो गया है. शिंदे के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की, लेकिन कई पार्टियों ने इसके लिए 50 लाख रुपये की मांग की.
औरंगाबाद में, जयंत सोनावने और जगन्नाथ सोनावाने ने भी नदी में कूद कर और जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन दोनों को अस्पताल ले जाया गया और दोनों का इलाज चल रहा है. इसके अलावा बीड में, दो लोगों ने तहसीलदार के कार्यालय से कूद कर आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें अंतिम समय में बचा लिया.

बुधवार को मुंबई बंद का फैसला

मराठा क्रांति मोर्चा समन्वय समिति की मुंबई बैठक में बुधवार को मुंबई बंद का फैसला लिया गया है. ये मामला तेजी से इसलिए भी उठाया जा रहा है क्योंकि, महाराष्ट्र में 72 हजार सरकारी पदों के लिए सरकार मेगा भर्ती करने जा रही है लेकिन मराठा समाज की मांग है कि जब तक मराठा समाज को आरक्षण नहीं मिलता तब तक सरकार मेगा भर्ती पर रोक लगाए लेकिन मुख्यमंत्री फडणवीस ने मराठा आंदोलकर्ताओं की इस मांग को ठुकरा दिया है.

फडणवीस का कहना है मेगा भर्ती में कुछ पद बाद में भरे जा सकते हैं, जिससे मराठा समाज को अगर 16 फीसदी आरक्षण मिला तो उतने फीसदी पद खाली रखे जाएंगे. जिस वक्त कोर्ट से आरक्षण को लेकर फैसला आएगा तब इसे लागू किया जाएगा. लेकिन सीएम के आश्वासन के बाद आंदोलन जारी है.

लोकसभा में भी उठा मुद्दा

इस मामले को शिवसेना सांसद विनायक राउत ने लोकसभा में भी उठाया. कांग्रेस के अशोक चव्हाण और सचिन सावंत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के जितेंद्र अव्हाड समेत सभी बड़े राजनीतिक दलों ने सत्ताधारी बीजेपी सरकार से मराठा आरक्षण के मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने की मांग की है.

महाराष्ट्र में इस तरह की हिंसा का ठीकरा शरद पवार ने सीएम फडणवीस और मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर फोड़ा है. चंद्रकांत पाटिल मराठा समुदाय से आते हैं. पवार ने कहा है कि आरक्षण पर सीएम और पाटिल के गैर जिम्मेदाराना बयान के बाद से ही हिंसा भड़की है.
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मांग मानने तक आंदोलन जारी रखने की बात

आरक्षण की मांग करने वाले मराठा समूह के संयोजक रविन्द्र पाटिल ने बताया, ‘‘जब तक मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस मराठा समुदाय से माफी नहीं मांग लेते हम अपना प्रर्दशन जारी रखेंगे. हम औरंगाबाद और राज्य के अन्य हिस्सों में आज बंद रखेंगे.'' कुछ मराठा समूहों ने आने वाले दिनों में मुंबई में भी प्रदर्शन करने की योजना बनायी है.

महाराष्ट्र में मराठा रिजर्वेशन की मांग लंबे समय से हो रही है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से आरक्षण के लिए आंदोलन काफी तेज हो गया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ लोग कड़ी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं साथ ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की मांग की जा रही है. वहीं विपक्षी पार्टी भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला बोल रही है.

ये भी पढ़ें- महाराष्ट्र: मराठा आरक्षण की मांग BJP की राह कर सकती है मुश्किल

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