उत्तर प्रदेश के मथुरा में सिस्टम की लाचारी का एक शर्मनाक मामला सामने आया है. एक पत्नी अपने दिव्यांग पति को कंधे पर उठा कर दिव्यांग सर्टिफिकेट के लिए सीएमओ ऑफिस पहुंची. व्हीलचेयर ना होने की वजह से उसे अपने पति को कंधे पर रखकर घंटों सरकारी दफ्तरों का चक्कर काटना पड़ा.
मथुरा की रहने वाली विमला का पति ट्रक ड्राइवर था, लेकिन कुछ महीने पहले उसके पैर की नस बंद हो गयी, जिसकी वजह से डॉक्टरों को उसका एक पैर काटना पड़ा.
पति को दिव्यांग साबित करने और सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सके, इसलिए महिला अपने पति का दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाना चाहती थी. वहीं सर्टिफिकेट बनवाने के लिए फोटो की कमी के कारण विमला को दोबारा अपने पति को फोटो खिंचाने के लिए कंधे पर उठाकर ले जाना पड़ा. वहां मौजूद सभी लोग तमाशबीन बने रहे.
इस हादसे को हुए तीन साल हो गए हैं और पिछले तीन सालों से वो अपने पति के दिव्यांग सर्टिफिकेट के लिए सरकारी अॉफिसों के चक्कर काट रही हैं.
मंत्री ने कहा- इस मामले की होगी जांच
मामला सामने आने के बाद यूपी के मंत्री भूपेंद चौधरी ने इस घटना की निंदा की है और दुखद जताया है. भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि सभ्य दुनिया में एक दुखद घटना है. हम इस मामले की जांच करेंगे और जैसे भी होगा उस महिला की मदद करेंगे.
अब जाकर मिला सर्टिफिकेट
विमला ने ये भी आरोप लगाया है कि विकलांग सर्टिफिकेट पाने के लिए उसने कई सारे सरकारी ऑफिस के चक्कर काटे हैं. मामला मीडिया में आने के बाद सरकारी अफसरों की नींद खुली जिसके बाद उसे सर्टिफिकेट मिल गया है.
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