अमेरिका, वाशिंगटन डीसी में 2+2 डायलॉग के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने भारत में लागू हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम का मुद्दा उठाया था. इस पर अब भारत की तरफ से जवाब आया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि इस मसले पर अमेरिका से कोई बातचीत नहीं हुई है. यह भारत का आंतरिक मामला है. वहीं उन्होंने पाकिस्तानी विदेश मंत्री के बयान को भी खारिज कर दिया.
‘हम बार बार कह रहे हैं कि पाकिस्तान को अपने अंदर झांकना चाहिए. उन्हें पड़ोसी देश के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. पाकिस्तान को एक सामान्य पड़ोसी जैसा व्यवहार करना चाहिए.’रवीश कुमार, प्रवक्ता, विदेश मंत्रालय
रवीश कुमार ने पाकिस्तान और अमेरिका दोनों को साफतौर पर कहा कि ‘नागरिकता अधिनियम देश का आंतरिक मामला है. इसके लिए हमारा लोकतंत्र और संस्थाएं किसी भी स्थिति के लिए पूरी तरह से परिपूर्ण है.’
बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था,
इस्लामाबाद सारे वैश्विक मंचों पर भारत के नागरिकता संशोधन कानून का मुद्दा उठाएगा. यह कानून मोदी सरकार की ‘हिन्दुत्व’ विचारधारा को बेनकाब करता है.
बांग्लादेश के साथ बैठकें स्थगित
बांग्लादेश के साथ भारत के कुछ द्विपक्षीय बैठकें स्थगित और हाल में हुए घटनाक्रम के बारे में सवालों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, बांग्लादेश के साथ बैठकों को पुनर्निर्धारित करने के अधिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए. उन्होंने कहा, दोनों देशों के बीच बैठकें रद्द होने पर कई बयान आए हैं, लेकिन उन्हें समझने की जरूरत है कि दोनों देशों के बीच संवाद के 75 तरीके हैं. बैठकों की तारीख आपसी सहमति पर तय की जाती है.
अफगानिस्तान रख रहा है अल्पसंख्यकों का खयाल
अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, वहां की वर्तमान सरकार ने अल्पसंख्यकों के हितों का अपने संविधान के अनुसार ख्याल रखा है. पूर्व की मुजाहिदीन और तालिबान प्रशासन के दौरान अल्पसंख्यकों की समस्या का सामना करना पड़ा था.
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