बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के आरोपों का पीडीपी प्रमुख और जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने खंडन किया है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए, जबकि वो साझा न्यूनतम कार्यक्रम के लिए अपनी प्रतिबद्धता से कभी पीछे नहीं हटी. राज्य में पूर्व सहयोगी दल बीजेपी के आरोपों पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए महबूबा ने कहा कि ये देखना परेशान करने वाला है कि भगवा पार्टी ने अपने कदम पीछे खींच लिए.
महबूबा ने कहा कि उनकी सरकार ने जमीन पर विश्वास बहाल करने के लिए जो कदम उठाए, उसे बीजेपी सरकार ने भी मान्यता और सहमति दी थी.
बीजेपी ने हर कदम का समर्थन किया था: पीडीपी
राज्य में महबूबा मुफ्ती की पीडीपी-बीजेपी की गठबंधन सरकार कुछ दिन पहले ही गिरी है, क्यों बीजेपी ने गठबंधन से बाहर होने का फैसला किया था. पीडीपी प्रमुख ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा है कि उनकी सरकार ने अनुच्छेद 370 पर यथास्थिति, पाकिस्तान और हुर्रियत के साथ वार्ता ‘ गठबंधन के एजेंडा ' का हिस्सा थे जिसपर बीजेपी सहमत थी. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि बातचीत को प्रोत्साहित करना, पत्थरबाजों के खिलाफ मामले वापस लेना और आतंकवादियों के खिलाफ अभियान को एकतरफा तौर पर स्थगित करना शांति बहाली के लिए बहुत जरूरी कदम थे. बीजेपी ने भी इस कदम का समर्थन किया था.
बिना आधार आरोप लगा रहे हैं शाह: महबूबा
महबूबा ने पूर्व गठबंधन साझेदार की आलोचना करते हुए कहा कि जम्मू में शनिवार को शाह के लगाए गए आरोपों का हकीकत में कोई आधार नहीं है. उन्होंने कहा कि जम्मू और लद्दाख के साथ भेदभाव किए जाने के आरोपों का वास्तव में कोई आधार नहीं है. हां, घाटी लंबे समय से अशांत है और 2014 में आई बाढ़ ने भी समस्या बढ़ाई, इसलिए , काफी ध्यान दिए जाने की जरूरत थी. लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि कहीं भी कम विकास हुआ.
शाह ने शनिवार को कहा था कि कानून व्यवस्था के बदतर होने और खासतौर पर जम्मू और लद्दाख में समान विकास करने में राज्य सरकार की नाकामी के चलते बीजेपी ने गठबंधन सरकार से बाहर होने का फैसला किया.
महबूबा ने बीजेपी से अपने मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा करने को कहा, जिन्होंने भेदभाव होने के बारे में पिछले तीन साल में राज्य या केंद्र स्तर पर कभी नहीं बोला. कठुआ बलात्कार - हत्या मामले के विषय पर उन्होंने कहा कि सीबीआई को यह मामला नहीं सौंपना और गुज्जर, बकरवाल समुदायों में सुरक्षा की भावना लाने के उद्देश्य से उन्हें प्रताड़ित नहीं करने का आदेश जारी करना मुख्यमंत्री के तौर पर उनका कर्तव्य था.
महबूबा ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक चौधरी लाल सिंह द्वारा कश्मीरी पत्रकारों को धमकी दिए जाने को लेकर भी पूर्व गठबंधन सहयोगी दल की आलोचना की और पूछा कि उनके खिलाफ पार्टी क्या करने जा रही है.
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