जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के तिरंगे को लेकर दिए गए बयान पर बवाल जारी है. लेकिन इस बयान को लेकर अब पार्टी में भी फूट पड़ती नजर आ रही है. पार्टी के तीन नेताओं ने महबूबा के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. पीडीपी नेता टीएस बाजवा, वेद महाजन और हुसैन ए वफा ने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है.
नेताओं ने लिखी महबूबा को चिट्ठी
महबूबा मुफ्ती के बयान को लेकर तीनों नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दिया है. इसके लिए उन्होंने पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को एक चिट्ठी लिखी है.
जिसमें कहा गया है कि उन्हें महबूबा के कुछ बयान और काम करने के तरीके से ऐतराज है. खासतौर पर वो काम जो देशभक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं.
क्या था महबूबा का बयान?
अब पहले आपको बताते हैं कि महबूबा मुफ्ती ने आखिर ऐसा क्या कहा था. दरअसल करीब एक साल से ज्यादा वक्त से हाउस अरेस्ट में रहीं महबूबा मुफ्ती ने रिहा होने के बाद मीडिया के सामने आकर कहा कि वो तिरंगा तभी उठाएंगीं जब जम्मू-कश्मीर का झंडा फहराने की इजाजत होगी. महबूबा ने कहा था,
“मेरा झंडा ये है. जब ये वापस आएगा, तभी हम तिरंगा उठाएंगे. जब तक हमें अपना झंडा वापस नहीं मिलता, हम कोई और झंडा भी नहीं उठाएंगे. इस झंडे ने तिरंगे के साथ हमारे रिश्ते को जोड़ा था.”
महबूबा के बयान पर बवाल
महबूबा मुफ्ती के इस बयान के बाद सियासी बवाल मचना तय था और ऐसा ही हुआ. इस बयान के खिलाफ बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर जमकर सवाल उठाए और महबूबा की निंदा की. इसके अलावा बीजेपी नेताओं ने श्रीनगर में तिरंगा मार्च भी निकाला. जिसके बाद कई बीजेपी कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए. वहीं कई केंद्रीय मंत्रियों ने भी महबूबा मुफ्ती के इस बयान की आलोचना की. केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि अब दो निशान दो प्रधान नहीं होंगे. अब हर जगह तिरंगा होगा.
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