दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर बुधवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस को फटकार लगाने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस एस. मुरलीधर का ट्रांसफर हो गया है. इस बाबत केंद्रीय कानून मंत्रालय की तरफ से गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया है. जस्टिस मुरलीधर को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में ट्रांसफर किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने 12 फरवरी को उनके ट्रांसफर की सिफारिश की थी.
केंद्रीय कानून मंत्रालय की तरफ से जारी गजट नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सीजेआई एस. ए. बोबडे की सलाह पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस एस. मुरलीधर को पंजाब ऐंड हरियाणा हाई कोर्ट में ट्रांसफर किया है. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने जस्टिस मुरलीधर को पंजाब ऐंड हरियाणा हाई कोर्ट में बतौर जज पद संभालने का निर्देश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 12 फरवरी को उनके ट्रांसफर की सिफारिश की थी. 19 फरवरी को जब यह फैसला सार्वजनिक हुआ, तो इसकी व्यापक रूप से निंदा की गई, जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन भी शामिल था. एसोसिएशन के सदस्यों ने विरोध में 20 फरवरी को काम नहीं किया था.
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इस फैसले से दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन को नाराजगी इसलिए हुई क्योंकि जस्टिस मुरलीधर जैसे वरिष्ठ (वे इस वर्ष 59 वर्ष के हो जाएंगे और हाई कोर्ट के जज 62 वर्ष की उम्र में रिटायर होते हैं) जज को आम तौर पर केवल एक नए हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बनाए जाने के बाद ही ट्रांसफर किया जाता है - जो कि इस मामले में नहीं हुआ है.
कॉलेजियम के सदस्यों द्वारा जस्टिस मुरलीधर को ट्रांसफर करने की पिछली कोशिश नाकाम कर दी गई थी.
28 जनवरी 2019 को, द इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि कॉलेजियम की बैठकें दिसंबर 2018 और जनवरी 2019 में हुई थीं, जिसमें जस्टिस मुरलीधर के ट्रांसफर का सुझाव दिया गया था. LiveLaw ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि जस्टिस एके सीकरी (अब रिटायर्ड) ने इस कदम का कड़ा विरोध किया था.
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