दिल्ली पुलिस और वन विभाग को पसीना छुड़ा देने वाली लापता लक्ष्मी आखिरकार दो महीने बाद मिल गई है. मामला इतना बढ़ गया था कि लक्ष्मी को लेकर कोर्ट तक को दखल देना पड़ा. पिछले दो महीने से उसकी तलाश में पुलिस और वन विभाग की टीमें दर-दर की ठोकरें खा रही थीं.
अब आप सोच रहे होंगे कि ये लक्ष्मी है कौन? दरअसल, ये एक हथिनी है. दिल्ली की एकलौती हथिनी, जो पिछले दिनों गायब हो गई थी.
दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने कई महीनों पहले इस हथिनी लक्ष्मी को पकड़कर जंगल में या फिर किसी संरक्षित स्थान पर पहुंचाने का आदेश दिल्ली वन विभाग को दिया था. हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए वन विभाग की टीम पूर्वी दिल्ली जिले के शकरपुर थाना इलाके में हथिनी को कब्जे में करने पहुंची.
लेकिन पुलिस का कहना है कि हाथी को पालने वाले परिवार ने वन विभाग के लोगों पर हमला बोल दिया. इसके बाद 6 जुलाई से 30 साल की हथिनी लक्ष्मी आईटीओ के पास यमुना किनारे से गायब हो गई. साथ ही उसका महावत भी गायब था. लेकिन अब दो महीने बाद महावत और हथिनी, दोनों मिल गए हैं.
'इंडियन एक्सप्रेस' अखबार से बात करते हुए महावत अली ने बताया:
“मैं और लक्ष्मी दिल्ली से कभी बाहर नहीं गए. मैंने लक्ष्मी को यमुना के जंगल में कुछ दिनों के लिए छिपा दिया था. इस दौरान मैंने अपना घर भी बदल लिया. कुछ दिनों बाद मेरे एक दोस्त ने बताया कि उसके पास एक बड़ा फॉर्म हाउस है, जहां पर मैं लक्ष्मी को रख सकता हूं. मेरे लिए ये मुश्किल वक्त था, लेकिन मैंने लक्ष्मी का पूरा खयाल रखा. कई बार मेरे घर में खाना नहीं होता था, लेकिन मैंने लक्ष्मी के लिए रोजाना खाने और पीने की व्यवस्था की. उसके लिए रोजाना 500 लीटर पानी, गन्ना और ज्वार का इंतजाम किया.”
हथिनी के मल से पुलिस को मिला सुराग
वन विभाग ने पूरे मामले की डिटेल जब अदालत को बताई, तो कोर्ट ने पुलिस के लिए लक्ष्मी को हर हाल में पकड़ने की समय-सीमा तय कर दी. इसके बाद से ही वन विभाग की टीम लक्ष्मी की तलाश में हांफ रही थी.
दो दिन पहले वन विभाग की टीम को पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर और डीसीपी दफ्तर के आसपास मौजूद जंगल में हाथी का मल मिला. इससे तय हुआ कि हो न हो यह मल लक्ष्मी का ही होगा, क्योंकि दिल्ली में बाकी 5-6 हाथियों को पकड़कर काफी पहले ही गुजरात के संरक्षित इलाके में छोड़ा जा चुका था.
जिला पुलिस उपायुक्त कार्यालय के पास जंगल में हथिनी का मल मिलते ही पुलिस लक्ष्मी की तलाश में जुट गई. पूर्वी दिल्ली जिले के डीसीपी जसमीत सिंह के मुताबिक:
“हथिनी को कुछ समय दिल्ली से सटे गाजियाबाद में भी छिपाकर रखे जाने की खबरें आ रही थीं. मंगलवार की रात पूर्वी दिल्ली जिला पुलिस की कई टीमें हथिनी की तलाश में यमुना खादर के जंगल में भटक रही थीं. मंगलवार-बुधवार की रात में हमारी पुलिस टीमों ने दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के पीछे और राष्ट्रमंडल खेल गांव के आसपास के जंगल में छिपाकर रखी गयी लक्ष्मी को देख लिया. उसके बाद पुलिस बल बुलाकर हथिनी के मालिक यूसुफ अली, महावत सद्दाम और हथिनी को कब्जे में ले लिया गया.”
"हथिनी हमारी है"
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अली का कहना है कि कोर्ट जो कहेगा, वो करने को तैयार है, लेकिन ये हाथिनी उसकी है.
“इसके साथ हमारा भावनात्मक लगाव है. अगर फैसला वन विभाग के पक्ष में आता है, तो मैं उन्हें लक्ष्मी को सौंप दूंगा. उससे पहले कोर्ट भी मेरा पक्ष सुनेगा. अगर वह लक्ष्मी को दिल्ली से बाहर भेजना चाहते हैं, तो इसे मेरी देख-रेख में रखना होगा.”
हथिनी और महावत को अलग करने में वन विभाग की हुई हालत खराब
पुलिस ने हथिनी को शकरपुर थाने ले आई. लेकिन ट्रक सहित थाना पहुंची वन-विभाग की टीम की हालत उस वक्त शर्मनाक हो गई, जब तमाम कोशिशों के बाद भी हथिनी को ट्रक में चढ़ाने में पसीना आ गया. कई घंटों की मशक्कत के बाद आखिरकार जैसे-तैसे वन विभाग की टीम हथिनी को ट्रक में चढ़ाकर साथ ले गई.
उधर जिला डीसीपी जसमीत सिंह का कहाना है कि हथिनी के मालिक और उसके महावत सद्दाम को गिरफ्तार कर लिया गया है. दोनों के खिलाफ दर्ज मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई थाना शकरपुर पुलिस कर रही है.
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