मोटर व्हीकल अमेंडमेंट एक्ट 2019 के तहत भारी जुर्माने को लागू करने पर कई राज्य सहमत नहीं हैं. इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात जैसे राज्य भी शामिल हैं, जहां बीजेपी सत्ता में है.
संशोधित कानून को लेकर उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने 12 सितंबर को न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ‘’हम फिलहाल जुर्मानों में राहत दे रहे हैं और पुराने जुर्मानों पर ही बने हुए हैं. हम इस बात के लिए इंतजार करेंगे कि केंद्र अपनी आखिरी सहमति दे.’’
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिलहाल यूपी में मौके पर भरे जाने वाले ट्रैफिक जुर्मानों के लिए पुरानी दरें और कोर्ट तक जाने वाले मामले के लिए नई दरें लागू हैं.
झारखंड में 3 महीने तक पुरानी दरें लागू
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर संशोधित कानून के तहत वसूले जाने वाले बढ़े हुए जुर्माने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. उन्होंने यातायात पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों को अगले 3 महीने तक लगातार अभियान चलाकर लोगों को इन नियमों के बारे में जानकारी देने और कागजात दुरुस्त करने में सहयोग करने के निर्देश दिए हैं.
संशोधित कानून पर ये है दिल्ली का रुख
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है, ''यह सबने स्वीकारा है कि इसके (संशोधित कानून) लागू होने के बाद दिल्ली के ट्रैफिक में काफी सुधार आया है. हम इस पर नजर बनाए हुए हैं. अगर किसी जुर्माने से लोगों को परेशानी होती है, जिसे हम कम कर सकें तो हम निश्चित तौर पर ऐसा करेंगे.''
संशोधित कानून से सहमत नहीं ये राज्य
- गुजरात ने जुर्माने घटाए
- उत्तराखंड ने जुर्माने घटाए
- पश्चिम बंगाल ने संशोधित कानून लागू नहीं किया
- मध्य प्रदेश ने संशोधित कानून लागू नहीं किया
- कर्नाटक नए जुर्माने घटाने की तैयारी में
- पश्चिम बंगाल ने नया एक्ट लागू नहीं किया
- मध्य प्रदेश ने नया एक्ट लागू नहीं किया
- राजस्थान भी कर रहा आनाकानी
- महाराष्ट्र ने जुर्माने की दरें कम करने की मांग की है
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)