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40 घंटे में ट्रेन नहीं पहुंची मुंबई से बिहार, पानी के लिए अफरातफरी

मुंबई से कटिहार के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन 24 मई को रात 9 बजे खुली थी

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भारत
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कोरोना वायरस संकट के बीच रेलवे प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चला रही है. ट्रेन शुरू करने को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों ने दावा किया था कि, प्रवासी मजदूरों के लिए ट्रेन में सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. लेकिन मुंबई से बिहार जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन, सरकार के सभी दावों की पोल खोल रही है. आलम ये है कि मुंबई से कटिहार के लिए चली ट्रेन 40 घंटे बाद भी गंतव्य स्टेशन पर नहीं पहुंची. इसके अलावा यात्रियों को खाना तो दूर पानी तक नसीब नहीं हो रहा है.

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24 मई रात 9 बजे चली थी ट्रेन

विक्टोरिया टर्मिनस मुंबई से कटिहार के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन 24 मई को रात 9 बजे चली थी, लेकिन ये अब तक पटना भी नहीं पहुंची है. बताया जा रहा है कि ट्रेन अभी भी बलिया के आसपास है और यात्रियों को ट्रेन में कोई सुविधा नहीं दी गई है. ट्रेन में यात्रा कर रहे एक यात्री कलीमुल्ला ने बताया,

‘ट्रेन जहां-तहां स्टेशनों पर रोकी जा रही है. ट्रेन में खाना तो दूर की बात है पानी तक नसीब नहीं हो रहा है. लोग ट्रेन में गर्मी से परेशान है और सभी का बुरा हाल है.’
 मुंबई से कटिहार के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन 24 मई को रात 9 बजे खुली थी

ट्रेन रुकी तो पानी के लिए अफरातफरी

ट्रेन के यात्री इतने परेशान हो गए हैं कि, बलिया के आसपास जब ट्रेन कुछ देर के लिए रूकी तो, सैकड़ों यात्री पानी लेने के लिए पास के एक गांव में एक घर में घुस गए, जिससे यात्रियों ने अपनी प्यास बुझाई.

ट्रेन कब तक कटिहार पहुंचेगी ये किसी को नहीं पता है. क्योंकि 40 घंटे बाद भी अभी ट्रेन पटना भी नहीं पहुंची है.

सुबह 6 बजे गाड़ी वाराणसी पहुंची, प्रयागराज में हमें मूरी (चावल की फरी) खाने को दिया गया, लेकिन अगर उसे खाएं तो पानी की जरूरत होगी और पानी की कोई सुविधा नहीं है. 
यात्री
एक स्टेशन एक घंटे से ट्रेन खड़ी है, स्टेशन मास्टर से कहने पर वह कह रहे हैं कोई व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा बाहर अस्पताल है वहां ले जाइये, लेकिन जब व्यवस्था ही नहीं है तो हम कैसे जाएं. क्या हमलोग इन्हें ऐसे ही मरने के लिए छोड़ दें.
यात्री

हालांकि, ट्वीट के जरिए खबर रेलवे प्रशासन तक पहुंची तो उन्होंने मदद की बात कही है.

अगर ट्रेन को इसी तरह से ले जाया जा रहा है और यात्रियों को खाने-पीने की सुविधा नहीं दी जा रही तो यात्री किस तरह की परेशानी का सामना कर रहे हैं इसका अंदाज लगा पाना मुश्किल है.

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