अब तक बिहार के मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस से 93 बच्चों की मौत हो चुकी है. मुजफ्फरपुर में डॉक्टरों और अस्पताल की लाचार व्यवस्था के प्रति जनता का गुस्सा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है. ये गुस्सा एक बार फिर तब दिखा जब एक शख्स ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया. एएनआई के एक वीडियो में उस शख्स की परेशानी और गुस्से में बिहार के लचर हेल्थ सिस्टम की तस्वीर दिख रही है.
दरअसल, इस शख्स ने अपने भाई को श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया था, अब आरोप है किदो महीने बाद भी उसकी हालत में सुधार नहीं है. अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उस शख्स ने कहा,
‘मेरा बड़ा भाई पिछले दो महीने से यहां भर्ती है. मैं चाहता हूं कि उसका इलाज अच्छे से हो और यहां जितने बच्चे यहां मौजूद हैं उन्हें तुरंत इलाज मिलना चाहिए. प्रशासन हमारी सुनने को तैयार ही नहीं है. मुझे बताएं कि मैं क्या करुं? या तो हमको भी जान से मार दें!’
जब मीडिया ने व्यक्ति से पूछा कि क्या किसी ने उसके साथ मारपीट की है, तो उसने कहा कि अगर वो उनका नाम लेगा तो डॉक्टर्स उसके भाई को किसी और अस्पताल में रेफर कर देंगे.
बिहार के मुजफ्फरपुर में पिछले 15 दिनों में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) के कारण 93 बच्चों की मौत हो गई है. रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने भी मुजफ्फरपुर जिले का दौरा किया. एक बच्चे ने केंद्रीय मंत्री के सामने ही दम तोड़ दिया.
राज्य सरकार ने इंसेफेलाइटिस को देखते हुए एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें लीची से सावधानी बरतने के साथ-साथ कई सारी हिदायत भी दी है
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