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मुजफ्फरपुर कांड की CBI रिपोर्ट ‘भयानक’ और ‘डरावनी’: SC 

केस से जुड़े एक अन्य मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार और सीबीआई से सफाई मांगी

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सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में लड़कियों से कथित यौन हिंसा और बलात्कार के आरोपों की जांच कर रहे सीबीआई की रिपोर्ट को ‘भयानक' और ‘डरावना' बताया है.

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जस्टिस मदन बी लोकूर, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने सीबीआई की ओर से पेश किए गए स्टेटस रिपोर्ट देखने के बाद कहा-

‘‘ये सब क्या हो रहा है? ये तो बहुत ही भयानक है.’’ 

बृजेश ठाकुर को नोटिस जारी

कोर्ट ने सीबीआई के शेल्टर होम के मालिक बृजेश ठाकुर के खिलाफ की गई टिप्पणियों का भी संज्ञान लिया और उसे नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों नहीं उसे राज्य के बाहर किसी जेल में ट्रांसफर कर दिया जाए.

सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि बृजेश ठाकुर एक प्रभावशाली शख्स है और जेल में उसके पास से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ है. बृजेश ठाकुर इस समय न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है.

SC ने बिहार सरकार और सीबीआई से मांगी सफाई

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के पति चन्द्रशेखर वर्मा का पता लगाने में हुई देरी पर बिहार सरकार और सीबीआई से सफाई मांगी है.

बेंच ने बिहार पुलिस को आदेश दिया कि पूर्व मंत्री और उनके पति के यहां से बड़ी संख्या में हथियार बरामद होने के मामले की वो जांच करे. इस शेल्टर होम कांड की वजह से मंजू वर्मा को बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. बेंच ने कहा कि इस मामले की जांच कर रहे सीबीआई के दल में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाए. इस मामले में कोर्ट अब 30 अक्टूबर को आगे विचार करेगा.

क्या है पूरा मामला?

मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) की ओर से अप्रैल में बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी गई थी. जिसमें पहली बार इस बालिका गृह में रह रही लड़कियों से कथित दुष्कर्म की बात सामने आई थी. टीम ने 26 मई को उसकी रिपोर्ट बिहार सरकार और मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन को भेजी थी. मामले के तूल पकड़ने के बाद पुलिस हरकत में आई. जिसके बाद बालिका गृह में 34 नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया. पुलिस के मुताबिक, मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में 41 लड़कियां थी और मेडिकल रिपोर्ट बताती हैं कि उनमें से 34 के साथ रेप हुआ था.

मामले में 11 लोगों के खिलाफ 31 मई को एफआईआर दर्ज की गई. मामले की जांच बाद में सीबीआई को सौंप दी गई.

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