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INX मीडिया केस में चिदंबरम के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं: एन राम

एन राम के मुताबिक, चिदंबरम के साथ हुआ ‘बड़ा अन्याय’

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वरिष्ठ पत्रकार और THG पब्लिकेशन्स प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन एन. राम ने कहा है कि कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम को जेल भेजकर उनके साथ 'बड़ा अन्याय' हुआ है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हत्या के दो आरोपियों (इंद्राणी और पीटर मुखर्जी) के बयान के अलावा INX मीडिया केस में चिदंबरम के खिलाफ कोई भी ठोस सबूत नहीं है.

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तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी की बैठक में एन. राम ने कहा कि चिदंबरम की गिरफ्तारी के पीछे का मकसद उन्हें जब तक संभव हो, आजादी से दूर रखना है. उन्होंने कहा कि इस मामले पर हायर जुडिशरी की प्रतिक्रिया की भी, खासकर दिल्ली हाई कोर्ट की, कड़ी आलोचना होनी चाहिए.

एन. राम ने कहा, ''7 महीने तक, फैसला सुरक्षित रखा गया. जज के रिटायर होने से ठीक पहले चिदंबरम को अपील के मौके से वंचित करते हुए फैसला आता है.'' इसके अलावा उन्होंने कहा, ''जस्टिस भानुमति और बोपन्ना द्वारा जमानत खारिज किए जाने के आदेश में कई तथ्यात्मक गलतियां थीं. उदाहरण के लिए, उन्होंने कहा था कि पी. चिदंबरम की संपत्तियां जब्त हो चुकी हैं. (यह) पूरी तरह गलत है.''

‘’हत्या के दो आरोपियों के बयान के अलावा कोई आधार नहीं है...दस्तावेजों को दबाने या उनसे छेड़छाड़ का भी कोई खतरा नहीं था, किसी गवाह को कोई खतरा नहीं था. यह काफी शर्मनाक है कि इस मामले में न्याय नहीं हुआ.’’
एन. राम

INX मीडिया मामले में कोर्ट ने चिदंबरम को 14 दिन की न्यायिक हिरासत (19 सितंबर तक) में भेजा है. वह फिलहाल तिहाड़ जेल में हैं. बता दें कि INX मीडिया ग्रुप को 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी राशि मिलने के लिए FIPB की मंजूरी में कथित अनियमितताओं को लेकर CBI ने 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी. उस वक्त चिदंबरम वित्त मंत्री के पद पर थे. बाद में ED ने भी इस संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का एक मामला दर्ज किया था.

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