भारत में क्राइम लगातार बढ़ता जा रहा है. साल 2017 के मुकाबले 2018 में क्राइम 1.3 फीसदी बढ़ गया. 2018 में 50 लाख से ज्यादा कॉग्निजेबल क्राइम दर्ज किए गए हैं. ये खुलासा भारत में क्राइम के आंकड़े जारी करने वाली संस्था नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 'क्राइम इन इंडिया-2018' की रिपोर्ट में हुआ है.
क्राइम चार्ट में राजधानी दिल्ली सबसे ऊपर है. यहां 2018 में दो लाख से ज्यादा अपराध दर्ज किए गए. रिपोर्ट से ये भी पता चलता है कि 2016 की तुलना में 2018 में राजद्रोह के मामले दोगुने हो गए.
2018 में कुल मिलाकर 50,74,634 कॉग्निजेबल क्राइम, 31,32,954 इंडियन पीनल कोड क्राइम और 19,41,680 स्पेशल और लोकल लॉ क्राइम दर्ज किए गए. जो साल 2017 के मुकाबले 50,07,044 ज्यादा हैं.
भारत में हर दिन 90 रेप
एनसीआरबी के 2018 के आंकड़ों के मुताबिक, देश में एक दिन में औसतन 80 मर्डर, 289 अपहरण और 91 रेप की घटनाएं हुईं हैं. मध्य प्रदेश में भारत की हुई कुल घटनाओं की 16 फीसदी यानी कि 33,356 बलात्कार मामले दर्ज किए गए.
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 2018 में दर्ज रेप के मामलों की संख्या 2017 की तुलना में कम है. तब मध्य प्रदेश में 5,562 मामले दर्ज किए गए थे.
इसके अलावा, शेल्टर होम्स में यौन उत्पीड़न की घटनाओं की संख्या 2018 में 30 फीसदी बढ़ गई.
10,300 किसानों ने खुदकुशी की
रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में देश में कुल 1,34,5156 लोगों ने खुदकुशी की. 2017 की तुलना में खुदकुशी करने वाले लोगों की संख्या (1,29,887) में 3.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
आत्महत्या के अधिकांश मामलों में महाराष्ट्र (17,972) और उसके बाद तमिलनाडु (13,896) और पश्चिम बंगाल (13,255) शामिल थे.
किडनेप, मर्डर की संख्या भी बढ़ी
बच्चों के खिलाफ अपराधों की सबसे ज्यादा घटनाएं 19,936 में उत्तर प्रदेश में दर्ज की गईं, जबकि ऐसे मामलों की सबसे कम संख्या वाला राज्य नागालैंड (70) था.
रिपोर्ट में ‘लिंचिंग’ का कोई विशेष उल्लेख नहीं है.
2016 से राजद्रोह के मामले डबल हुए
2018 में ‘offences against the state’ के तहत राजद्रोह के मामलों की संख्या 50 फीसदी थी.
बता दें, एनसीआरबी का डाटा केंद्रीय गृह मंत्रालय जारी करता है. गृह मंत्रालय ही इंडियन पीनल कोड और स्थानीय कानूनों के आधार पर क्राइम के आंकड़ों पर डाटा को इकट्ठा करता है और उसका विश्लेषण करता है.
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