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टैक्स, बैंक, पेंशन से ड्राइविंग लाइसेंस तक आज से बदल गए ये नियम

1 अक्टूबर से बदल रहे हैं आम आदमी जुड़े नियम

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1 अक्टूबर 2019 से देशभर में कई नए नियमों को लेकर अहम बदलाव होने जा रहे हैं. इन बदलावों का असर सीधे आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला है. नए नियमों के तहत एक कंज्यूमर के तौर कहीं पर आपको राहत मिलेगी, तो कहीं पर आपकी जेब भी ढीली होगी. तो आइए आपको ऐसे ही कुछ नए नियमों के बारे में बताते हैं, जिन्हें जानना बेहद जरूरी है.

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बदल जाएगा ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी

बदलते ट्रैफिक नियमों के साथ ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) के नियम में भी बदलाव होने जा रहा है. 1 अक्टूबर से आपको अपना पुराना ड्राइविंग लाइसेंस अपडेट कराना होगा. इसकी पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी में माइक्रोचिप और क्यूआर कोड जोड़ा जाएगा.

SBI में मिनिमम बैलेंस की सीमा घटी

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अकाउंट में मंथली एवरेज बैलेंस मेंटेन नहीं कर पाने पर लगने वाले चार्ज में कटौती होने वाली है. शहरी ग्राहकों के लिए एसबीआई ने खातों में मिनिमम बैलेंस की रकम 5,000 रुपये से घटाकर 3,000 रुपये कर दी है.

नियमों के तहत अगर किसी खाताधारी खाते में न्यूनतम मासिक बैलैंस 3,000 रुपये नहीं रखेगा और ये रकम 50 फीसदी कम यानी 1,500 रुपये होगी तो उसे 10 रुपये चार्जेस देना होगा. अगर, ये रकम 75 फीसदी कम होगी खाताधारी से 15 रुपये और जीएसटी वसूल किया जाएगा.

GST में राहत

GST काउंसिल की 37वीं बैठक में कई चीजों से टैक्स का बोझ कम किया गया है. सबसे बड़ी राहत होटल इंडस्ट्री को मिली है. ये नियम 1 अक्टूबर से लागू होगा.

  • अब एक हजार रुपये तक के होटल पर कोई भी जीएसटी नहीं लगाया जाएगा. एक हजार रुपये से लेकर 7500 रुपये तक के होटल कमरे के लिए 12 फीसदी जीएसटी लगेगा. पै
  • सेंजर व्हीकल्स में 1500 सीसी डीजल और 1200 सीसी की पेट्रोल गाड़ियों को सेस में राहत मिली है. पेट्रोल गाड़ियों के लिए 1 प्रतिशत और डीजल गाड़ियों के लिए तीन प्रतिशत तक सेस में कटौती.
  • आउटडोर कैटरिंग पर टैक्स 18 फीसदी से घट कर 5 फीसदी लगेगा.
  • काउंसिल ने स्लाइड फास्टनर्स (जिप) पर जीएसटी 12 फीसदी कर दिया है.

पेय पदार्थों पर बढ़ा GST

जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में कई चीजों पर जीएसटी बढ़ाने का भी फैसला लिया गया है. पेय पदार्थों पर जीएसटी को बढ़ा दिया गया है. ड्रिंक्स पर 28 फीसदी जीएसटी लगाया जाएगा. इसके अलावा 12 फसदी का सेस भी लगेगा.

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कॉरपोरेट टैक्स में कटौती

20 सितंबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंदी से उबरने के लिए बड़े ऐलान किए थे. 1 अक्टूबर या इसके बाद बनी कोई भी नई घरेलू कंपनी मैन्युफैक्चरिंग में ताजा निवेश करती है तो उस पर 15 फीसदी का इनकम टैक्स लगेगा. हालांकि प्रभावी टैक्स 17 फीसदी होगा.

इनकम टैक्स एक्ट में एक नया प्रावधान जोड़ा गया है, जिसके मुताबिक किसी घरेलू कंपनी को कुछ शर्तों के साथ 22 फीसदी की दर पर इनकम टैक्स देना होगा. ऐसा करने के लिए ये कंपनियां किसी इंसेंटिव या छूट का फायदा नहीं उठा पाएंगी. सभी सरचार्ज और सेस मिलाकर इन कंपनियों के लिए प्रभावी टैक्स दर 25.17 फीसदी होगी. पहले यह टैक्स 29 से 35 फीसदी तक था.

बदल जाएगी पेंशन पॉलिसी

1 अक्टूबर 2019 से केंद्रीय और रक्षा विभाग से जुड़े कर्मचारियों के लिए पेंशन पॉलिसी में बड़ा बदलाव हो रहा है. नए नियम के मुताबिक, अगर किसी कर्मचारी को 7 साल पूरे हो गए हैं और उसकी मौत हो जाती है तो परिवार वालों परिजनों को बढ़ी हुई पेंशन का फायदा मिलेगा. इससे पहले परिजनों को कर्मचारी के आखिरी वेतन की 50 फीसदी पेंशन मिलती थी.

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