राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के मामलों की जांच करने के लिए फैक्ट फाइंडिंग टीम का गठन किया है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. हफ्ते की शुरुआत में उत्तरपूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में 42 लोगों की मौत हुई और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गये. दंगाइयों की भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया और स्थानीय लोगों और पुलिस कर्मियों पर पथराव किया. दिल्ली में यह तीन दशक में सबसे भयानक दंगा था.
एक अधिकारी के मुताबिक, “एनएचआरसी ने पूर्वोत्तर दिल्ली में हिंसा के हालिया मामलों की जांच करने के लिए तथ्य खोजने वाली एक टीम की नियुक्ति की है."
देखें वीडियो - दिल्ली हिंसा प्रभावितों की कुछ ऐसे मदद कर रहा है खालसा एड
एनएचआरसी ने एक बयान में कहा कि उसने अपने महानिदेशक (जांच) को हिंसा के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन की ऑन-स्पॉट पूछताछ के लिए अपनी फैक्ट फाइंडिंग टीम की नियुक्ति करने को कहा था.
NHRC ने लिया दिल्ली हिंसा का स्वतः संज्ञान
बयान में कहा गया है "राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली में और खासतौर से पूर्वोत्तर दिल्ली में हुई हिंसा का स्वतः संज्ञान लिया है, और हिंसा की वजह से मानवाधिकारों का उल्लंघन की घटनाओं पर अपने महानिदेशक (जांच) को निर्देश दिया है कि आरोपों की ऑन-स्पॉट जांच करने के लिए दो फैक्ट फाइंडिंग टीमों को तैनात करें.".
बयान में कहा गया कि हिंसक झड़पों के दौरान क्रॉस फायरिंग की घटनाओं के मद्देनजर अपने अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, आयोग ने स्थिति को नियंत्रण में आने के बाद उन्हें जांच के लिए भेजना उचित समझा.
बयान में कहा गया है, “ये जांच टीमें पूर्वोत्तर जिला पुलिस कंट्रोल रूम और हिंसा में प्रभावित लोगों के घरों का दौरा करेंगी और हिंसा में जान गंवाने वालों के परिवारों से भी मिलेंगी.”
बता दें कि दिल्ली हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 42 तक पहुंच चुकी है. दिल्ली पुलिस ने हिंसा मामले में अब तक कुल 167 FIR दर्ज की गईं, जिनमें से 36 मामले आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज किए गए हैं.
(इनपुट: PTI)
ये भी पढ़ें- दिल्ली हिंसा: संकेत बता रहे हैं कि चिंतित है मोदी सरकार
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)