नीरव मोदी ने अपना काम तो कर लिया पर दूसरों के लिए गहरा गड्डा खोदकर चला गया है. पंजाब नेशनल बैंक में 12,700 करोड़ रुपए के LOU (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) घोटाले के बाद कोई भी बैंक जोखिम उठाने के मूड में नहीं हैं.
खासतौर पर एक्सपोर्टरों के लिए बैंकों ने सख्ती बढ़ा दी है. कारोबार के लिए उधार देने और गारंटी देने के मामले में बैंक ना नुकर करने लगे हैं.
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने कुछ बैंकरों के हवाले से खबर दी है कि बैंकों ने लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के लिए रेट आधा परसेंट तक बढ़ा दिए हैं.
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भारत के बैंक इतिहास के सबसे बड़े फ्रॉड के बाद बैंकों ने जो कड़ाई की है उससे एक्सपोर्टर LOU के जरिए विदेश से कर्ज लेते थे उन्हें अब दिक्कत होगी. बैंक हालांकि ये भी कह रहे हैं कि ईमानदार एक्सपोर्टरों को कोई दिक्कत नहीं होगी.
लेकिन भारतीय एक्सपोर्टरों और इंपोर्टरों के लिए पैसा जुटाने की लागत बढ़ जाएगी, LoU के लिए ज्यादा रकम देनी होगी. छोटी अवधि के LOU के लिए पहले चौथाई परसेंट तक प्रीमियम लगता था अब इसमें आधा परसेंट तक बढ़ोतरी हुई है. मतलब 10 करोड़ के LOU के लिए पहले करीब 2.5 लाख रुपए लगता था वो अब 5 से 7 लाख के बीच पहुंच गया है.
पंजाब नेशनल बैंक के मुताबिक मुंबई ब्रैडी ब्रांच में डायमंड कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर 12,700 करोड़ रुपए के फ्रॉड किया है. जिसमें बैंक अधिकारियों के मिलकर इन लोगों ने LOU बनवाई और सरकारी बैंकों की विदेशी ब्रांचों से उनके जरिए भारी भरकम लोन लिया गया.
उधर पंजाब नेशनल बैंक और चार दूसरे सरकारी बैंकों को रिजर्व बैंक की निगरानी लिस्ट में डाला जा सकता है. अभी तक 21 में से 11 बैंक निगरानी लिस्ट में हैं.
रिजर्व बैंक की निगरानी लिस्ट में ऐसे बैंकों को रखा जाता है जिनका खराब लोन बहुत ज्यादा है. पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक समेत पांच बैंकों पर निगरानी लिस्ट में जाने का खतरा मंडरा रहा है.
जो बैंक निगरानी लिस्ट में डाले जाते हैं उन्हें नए लोन देने पर कुछ पाबंदियां लग जाती हैं. अब 11 बैंक इस लिस्ट में हैं जिनका खराब लोन 6 परसेंट से ज्यादा है.
रेटिंग एजेंसी आईसीआरए के मुताबिक पीएनबी के अलावा आंध्रा बैंक, यूनियन बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक और केनरा बैंक पर रिजर्व बैंक की वॉच लिस्ट में जाने का खतरा है.
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