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नीरव की नीयत पर लंदन की अदालत को भी शक,चौथी बार जमानत अर्जी खारिज

नीरव मोदी की जमानत याचिका को लंदन की कोर्ट ने एक बार फिर खारिज कर दिया है.

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नीरव मोदी की जमानत याचिका को लंदन की कोर्ट ने एक बार फिर खारिज कर दिया है. नीरव ने निचली अदालत के जमानत देने से इनकार करने के फैसले को रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस में चुनौती दी थी. इससे पहले 3 बार और उसकी जमानत याचिका खारिज हो चुकी है. भारत से फरार हुए हीरा कारोबारी नीरव मोदी की कोशिश है कि पंजाब नेशनल बैंक के साथ करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उसे भारत को न सौंपा जाए.

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3 बार पहले भी खारिज हो चुकी है याचिका

लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने नीरव मोदी की जमानत की अर्जी तीन बार खारिज कर चुकी है क्योंकि उसको लगा है कि यह हीरा कारोबारी ब्रिटेन से भाग सकता है. नीरव मोदी की वकील क्लेयर मोंटगोमरी ने हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान मंगलवार को कहा था ,

हकीकत ये है कि नीरव मोदी विकिलीक्स के सह - संस्थापक जूलियन असांजे नहीं हैं , जिसने इक्वाडोर के दूतावास में शरण ली है , बल्कि सिर्फ एक साधारण भारतीय ज्वैलर हैं.

मोंटगोमरी ने उच्च न्यायालय में कहा, "हकीकत यह है कि नीरव मोदी कोई दुर्दांत अपराधी नहीं है जैसा कि भारत सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है. वह एक ज्वैलर हैं और उन्हें ईमानदार और विश्वसनीय माना जाता है. "

जस्टिस सिमलर ने इस पर हस्तक्षेप करते हुए इस आशंका का संकेत दिया कि नीरव मोदी जमानत पर छूटने के बाद भाग सकता है. उन्होंने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा था कि मोदी के पास ब्रिटेन से भागने के साधन हैं और इस मामले में इस बात को ध्यान में रखना होग. उन्होंने कहा कि ‘ काफी भारी भरकम रकम’ का मामला है.

बता दें, मोदी को लंदन पुलिस ने प्रत्यर्पण वारंट पर लंदन के मेट्रो बैंक से गिरफ्तार किया था. वह उस समय एक नया बैंक खाता खोलने का प्रयास कर रहा था. तब से वह जेल में है

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