ADVERTISEMENTREMOVE AD

निर्भया के दोषियों को तिहाड़ में फांसी,जल्लाद पवन ने बनाया रिकॉर्ड

तिहाड़ में इससे पहले नौ फरवरी 2013 को उत्तर कश्मीर के सोपोर के निवासी अफजल गुरु को फांसी दी गई थी.

Published
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में शुक्रवार सुबह ठीक 5.30 बजे फांसी दे दी गई, इसके साथ ही तिहाड़ में पहली बार एक साथ चार लोगों को फांसी दी गई है. इन चारों दोषियों को दुष्कर्म के एक मामले में फांसी की सजा दी गई. निर्भया के दोषियों को फांसी देने का काम पवन जल्लाद ने किया. पवन का परिवार कई पीढ़ियों से जल्लाद का काम करता आ रहा है. पवन के पर-दादा लक्ष्मण, दादा कालू जल्लाद और पिता मम्मू जल्लाद भी फांसी की सजा देने का काम किया करते थे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
पवन ने चार दोषियों को एक साथ फांसी पर लटकाकर आजाद भारत में तिहाड़ जेल में हुई फांसियों को लेकर अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया है. यहां एक ही अपराध के लिए चार दोषियों को एक साथ फांसी देने का यह रिकॉर्ड अब पवन के नाम है.

वहीं, डीजी जेल दोषियों की फांसी से पहले 24 घंटे तक जागते रहे और जेल के भीतर ही मौजूद रहे. जेल नंबर तीन के सुपरिटेंडेंट सुनील, एडिशनल आईजी (जेल) राजकुमार शर्मा और जेल के लीगल ऑफिसर पूरी रात जागते रहे. दूसरी ओर फांसी के बाद पवन जल्लाद को कड़ी सुरक्षा के बीच तिहाड़ जेल से मेरठ के लिए रवाना कर दिया गया है.

तिहाड़ में इससे पहले नौ फरवरी 2013 को उत्तर कश्मीर के सोपोर के निवासी अफजल गुरु को फांसी दी गई थी. संसद पर हमले के दोषी को सुबह आठ बजे फांसी दी गई थी और उसे जेल परिसर में ही दफना दिया गया था.

23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा (निर्भया) से 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में एक चलती बस में गैंगरेप किया गया था और उस पर बर्बरता से हमला किया गया था. निर्भया की बाद में सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में मौत हो गई थी, जहां उसे बेहतर चिकित्सा के लिए ले जाया गया था.

ये भी पढ़ें- निर्भया केस के चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में दी गई फांसी

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें