नोएडा (Noida) के सेक्टर 93-ए में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी में बने ट्विन टावर को ध्वस्त करने की तैयारियां तेजी से चल रही हैं. सबकुछ तैयारियों के मुताबिक हुआ तो विस्फोट के जरिए दोनों टावर महज 9 सेकेंड में ध्वस्त किए जाएंगे. करीब 100 मीटर दूर से रिमोर्ट के जरिए इन्हें ध्वस्त किया जाएगा. ध्वस्तीकरण के बाद करीब 10 मिनट तक आसपास के करीब 30 मीटर एरिया में धूल उड़ेगी, धूल उड़ने से रोकने के लिए बड़े स्तर पर पानी से छिड़काव किया जाएगा.
इस दौरान आसपास की तीन सोसाइटी के फ्लैट में रहने वाले लोगों को करीब 5 घंटे तक बाहर रहना होगा, शाम तक लोग अपने फ्लैट्स में लोग वापस लौट सकेंगे.
नोएडा अथॉरिटी की सीईओ ऋतु महेश्वरी ने 22 मई तक टॉवर को ध्वस्त करने की सीमा तय कर दी है. टॉवर में 10 फ्लोर तक विस्फोट लगाया जाएगा. ध्वस्तीकरण से पहले एक बार ट्रायल ब्लास्ट होगा. यह ट्रायल एमरॉल्ड कोर्ट कैंपस में बने टावर में ही होगा. इस ट्रायल में कंक्रीट के सांकेतिक स्ट्रक्चर बनाकर उसमें पटाखे भरे जाएंगे. इसका ट्रायल 1 महीने के भीतर ही किया जाएगा और तैयारियों को परखा जाएगा.
आसपास की इमारतों को बचाने के लिए होंगे उपाय
सुपरटेक ट्विन टावर्स को तोड़फोड़ और ध्वस्त करने में लगी कंपनी ट्रायल एमरॉल्ड कोर्ट परिसर में टावर विस्फोटक लगाने में जुट गई है. इस ट्रायल में कंक्रीट के सांकेतिक स्ट्रक्चर बनाकर उसमें पटाखे भरे जाएंगे. यह ब्लास्ट एक टावर में बी-1 बेसमेट और दूसरे टावर में 14वीं मंजिल पर होगा. इस ब्लास्ट में करीब एक ट्रक कांक्रीट का इस्तेमाल होगा. कंपनी को अगर कुछ खामी नजर आएगी तो नए तरीके का इस्तेमाल किया जाएगा. टावर के आसपास बनी इमारत को कोई नुकसान ना हो, इसको लेकर भी प्राधिकरण और कंपनी के अधिकारियों के बीच बैठक हो चुकी है.
नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ऋतु महेश्वरी के मुताबिक
22 मई को नोएडा सेक्टर-93ए में स्थित सुपरटेक ट्विन्स टावर को ध्वस्त किया जाएगा. इस दिन नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे बंद रहेगा, जिसकी वजह से इस एक्सप्रेसवे से गुजरने वाले लोगों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े. बता दें कि यह शहर का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे है, जो नोएडा और ग्रेटर नोएडा को जोड़ता है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अवैध रूप से बनाए गए सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने की प्रक्रिया शुरू की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने रुड़की के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट को इस ध्वस्तीकरण के लिए निगरानी एजेंसी के रूप में नियुक्त किया है.
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