पुलवामा में आतंकी हमले और भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजित डोभाल ने सुरक्षा की स्थित पर अमेरिका से बात की है. एनएसए ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन को सुरक्षा की स्थिति की पूरी जानकारी दी. साथ ही पाकिस्तान की ओर से किए गए हवाई हमले के सबूत भी सौंपे हैं.
भारत ने देश के विमानों पर हमला करने और निशाना बनाने के लिए पाकिस्तान की ओर से F16 का इस्तेमाल करने के अमेरिका को सबूत दिए हैं. इसमें अमेरिकी रक्षा एआईएम-120 मिसाइल के कुछ हिस्सों को दिखाया गया है.
14 फरवरी को पुलवामा में जवानों पर आत्मघाती हमले के बाद 26 फरवरी को जवाबी कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान ने बालाकोट में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया था. इसके बाद अगले दिन 27 फरवरी को पाकिस्तान ने F16 विमान से भारत पर हमला करने की कोशिश की थी. लेकिन भारतीय वायुसेना ने उनके इस मंसूबे को नाकाम करते हुए F16 को मार गिराया था. लेकिन पाकिस्तान ने साफ तौर पर ये मानने से इंकार कर दिया था कि उन्होंने F16 का इस्तेमाल किया है.
शर्तों के मुताबिक, पाकिस्तान अपने F16 विमानों का इस्तेमाल किसी देश पर हमले के लिए नहीं कर सकता है, इसका इस्तेमाल केवल आतंक के खिलाफ लड़ाई के लिए हो सकता है. पाकिस्तान ने अमेरिका से इन विमानों को खरीदते समय ‘एंड-यूजर’ समझौता किया था. इस तरह पाकिस्तान ने समझौते का उल्लंघन किया है.
ऐसे मामलों को गंभीरता से लेता है अमेरिका
अमेरिका अत्याधुनिक रक्षा साजो-सामान बेचने वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश है. उसके पास मजबूत 'एंड यूजर' निगरानी समझौता है, जो रक्षा साजो-सामान के दुरुपयोग के किसी भी आरोप को बेहद गंभीरता से लेता है.
पेंटागन की डिफेंस सिक्योरिटी एंड कॉरपोरेशन एजेंसी (डीएससीए) के अनुसार एफ-16 विमान आतंकवाद निरोधक अभियानों में पाकिस्तान की क्षमता को बढ़ाने के लिए हैं. सार्वजनिक रूप से उपलब्ध दस्तावेजों के मुताबिक, अमेरिका ने पाकिस्तान पर एफ-16 विमानों के इस्तेमाल को लेकर लगभग 12 पाबंदियां लगाई हैं.
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