कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधते हुए कहा है कि, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या जैसे भगोड़े लोगों के लिए टेक्निकल लोन का नियम लागू नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा, रिजर्व बैंक का वह नियम उन विल्फुल डिफॉल्टर पर क्यों लागू किया जा रहा जो भगोड़े घोषित किए जा चुके हैं.
चिदंबरम ने टिप्पणी उस वक्त की है जब कांग्रेस के एक आरोप को लेकर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार रात कहा कि जानबूझ कर ऋण नहीं चुकाने वाले संप्रग सरकार की ‘फोन बैंकिंग’ के लाभकारी हैं और मोदी सरकार उनसे बकाया वसूली के लिए उनके पीछे पड़ी है.
चिदंबरम ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कहा कि,
‘कोई इस बात से इनकार नहीं कर रहा है कि जानबूझ कर कर्ज अदा नहीं करनेवालों पर कर्ज बट्टे खाते में डालने वाला नियम लागू नहीं होना चाहिए. लेकिन हम इन भगोड़ों के बारे में सवाल कर रहे हैं. वे देश छोड़कर भाग चुके हैं. आप यह नियम नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या के लिए लागू क्यों कर रहे हैं.’
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि भगोड़े लोगों के मामले में तकनीकी नियम लागू नहीं होना चाहिए.
दरअसल, कांग्रेस का दावा है कि ‘24 अप्रैल को आरटीआई के जवाब में रिज़र्व बैंक ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए 50 सबसे बड़े बैंक घोटालेबाजों का 68,607 करोड़ रुपया ‘माफ करने’ की बात स्वीकार की. इनमें भगोड़े कारोबारी चोकसी, नीरव मोदी और माल्या के नाम भी शामिल हैं.’
क्या कहा था सीतारमण ने
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि, कांग्रेस नेताओं को इस बारे में सोचना चाहिए कि क्यों वह सिस्टम की सफाई में किसी तरह की भूमिका नहीं निभा सके. वे न तो सत्ता रहकर और न विपक्ष में रहते हुए भ्रष्टाचार और पक्षपात को रोकने में कोई प्रतिबद्धता दिखाई. मोदी सरकार बैंकों के गबन किए गए पैसों की वसूरी कर रही है.नीरव मोदी मामले में 2387 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति जब्त की जा चुकी है. वहीं, मेहुल चोक्सी के केस में 1936.95 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति जब्त की जा चुकी है. उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी किया जा चुका है. एंटीगुआ से उसके प्रत्यर्पण के लिए अर्जी दी जा चुकी है.
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