मुंबई हमलों के साजिशकर्ता हाफिज सईद की पाकिस्तान में गिरफ्तारी के एक दिन बाद भारत ने गुरुवार को कहा कि 2001 से कम से कम आठ बार यह नौटंकी हो चुकी है और इस कार्रवाई की असलियत इस बात पर निर्भर करेगी कि उस पर आतंकी गतिविधियों के लिए मुकदमा चलता है या नहीं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत को उम्मीद है कि सईद को इस बार वाकई न्याय व्यवस्था के घेरे में लाया जाएगा. उन्होंने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा-
‘हाफिज सईद को पहली बार गिरफ्तार नहीं किया गया है या हिरासत में नहीं लिया गया है. 2001 से यह नाटक कम से कम आठ बार हो चुका है. सवाल यह है कि क्या इस बार यह दिखावे की कवायद से कुछ ज्यादा होगी और क्या सईद पर मुकदमा चलेगा और उसे आतंकी गतिविधियों के लिए सजा सुनाई जाएगी.’
कुमार ने कहा कि सईद को सजा दी जानी चाहिए क्योंकि वह घोषित आतंकवादी है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 1267 के तहत संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति द्वारा सूचीबद्ध है. उन्होंने कहा-
‘हाफिज सईद और उसके आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई पाकिस्तान समेत संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य राष्ट्रों की तरफ से वचनबद्धता है.’
सईद पर अमेरिकी कानून के तहत एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा-
‘आतंकवादी और आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई की पाकिस्तान की गंभीरता उनकी आतंकियों के खिलाफ विश्वसनीय, सत्यापन योग्य और अपरिवर्तनीय कार्रवाई दिखाने और उनकी सरजमीं से गतविधियां चला रहे आतंकी समूहों को नेस्तनाबूद करने की क्षमता के आधार पर परखी जाएगी.’
उन्होंने कहा कि भारत लंबे समय से कहता रहा है कि ज्ञात आतंकवादी संगठनों और लोगों को सूचीबद्ध करने से संबंधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रावधान सभी सदस्य राष्ट्रों द्वारा प्रभावी तरीके से और गंभीरता से लागू होने चाहिए.
उन्होंने कहा कि हाफिज सईद और उसके संगठन लश्कर ए तैयबा और जमात उद दावा सैकड़ों और हजारों लोगों की भर्ती कर उन्हें प्रशिक्षित करते हैं और उन्हें भारत के खिलाफ हिंसक एजेंडे के लिए प्रेरित करते हैं.
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