नोएडा के निठारी कांड(Nithari scandal) में करीब 16 साल बाद CBI कोर्ट गाजियाबाद का बड़ा फैसला मंगलवार को आया है. कोर्ट ने दीपिका उर्फ पायल की हत्या में सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को दोषी करार दिया है. जबकि तत्कालीन सब इंस्पेक्टर सिमरनजीत को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. दोषियों को 19 मई को सजा सुनाई जाएगी.
उत्तराखंड में उधमसिंह नगर जनपद निवासी नंदलाल नौकरी की तलाश में साल 2005 में UP के जिला गौतमबुद्ध नगर में आया था. नंदलाल की बेटी दीपिका उर्फ पायल भी अपने लिए नौकरी तलाश रही थी. आरोप है कि 7 मई 2006 को पायल को नौकरी के लिए मोनिंदर सिंह पंढेर ने बुलाया, इसके बाद दीपिका घर नहीं लौटी
पिता नंदलाल ने 8 मई 2006 को नोएडा के थाना सेक्टर 20 में बेटी की गुमशुदगी दर्ज कराई थी. 24 अगस्त 2006 को नंदलाल ने गौतमबुद्ध नगर कोर्ट के आदेश पर मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली पर अपहरण का केस दर्ज कराया. विवेचना के दौरान पुलिस को दीपिका उर्फ पायल का मोबाइल सुरेंद्र कोली से बरामद हुआ. इसके बाद पुलिस ने पंढेर–कोली से सख्ती से पूछताछ की तो दीपिका का शव गांव निठारी स्थित D–5 कोठी के नाले से बरामद किया. DNA जांच से इसकी पुष्टि हुई थी.
इसके बाद दोनों आरोपियों पर रेप, अपहरण और हत्या के कुल 18 मुकदमे दर्ज हुए थे. 11 जनवरी 2007 को सारे केस गाजियाबाद की CBI कोर्ट को ट्रांसफर कर दिए गए. अब तक 11 मुकदमों में पंढेर–कोली को CBI कोर्ट से सजा सुनाई जा चुकी है.
पंढेर के अधिवक्ता देवराज सिंह ने बताया, दीपिका उर्फ पायल के केस में CBI कोर्ट गाजियाबाद ने मंगलवार को अहम फैसला देते हुए सुरेंद्र कोली को हत्या के मामले में और मोनिंदर सिंह पंढेर को इमोरल ट्रैफिकिंग एक्ट में दोषी करार दिया है. नोएडा पुलिस की तत्कालीन सब इंस्पेक्टर सिमरनजीत कौर को कोर्ट ने बरी कर दिया है. सिमरनजीत पर आरोप था कि उसने पंढेर से पैसे लेकर केस को डिले करने की कोशिश की. पंढेर–कोली को अब 19 मई को सजा सुनाई जाएगी
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