पायल तडवी खुदकुशी केस में एक आरोपी डाक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार में लिया है. इस केस में तडवी के 3 सीनियर डॉक्टर आरोपी हैं. आदिवासी समुदाय से आने वाली पायल ने सीनियर्स के कथित तौर पर जातीय टिप्पणियों से परेशान किए जाने पर खुदकुशी कर ली थी. मंगलवार को मुंबई के नायर अस्पताल के बाहर तडवी के माता-पिता समेत कई लोगों ने प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारी वंचित बहुजन अगाड़ी और दूसरे दलित जनजातीय संगठनों से संबद्ध हैं. पायल के पति सलमान ने कहा, “हम चाहते हैं कि सरकार हस्तक्षेप करे. पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. ये संभव है कि पायल की हत्या तीन महिला डॉक्टर ने की है.”
तडवी खुदकुशी केस में राष्ट्रीय महिला आयोग ने नायर अस्पताल के डायरेक्टर को एक लेटर लिखा है, जिसमें पूरे मामले की जांच कराने का आग्रह किया गया है.
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने दिखाई एकजुटता
प्रदर्शनकारियों और तडवी के परिजनों के साथ अपनी एकजुटता दिखाते हुए भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि अगर “हमारी छोटी बहन के लिए न्याय की लड़ाई में” जरूरत हुई तो वह भी महाराष्ट्र का दौरा करेंगे.
महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया और अस्पताल अधिकारियों को नोटिस जारी कर आठ दिन के अंदर यह बताने को कहा है कि उन्होंने रैगिंग विरोधी कानून को लागू करने के लिए क्या कदम उठाए. तडवी को खुदकुशी के लिए उकसाने की आरोपी तीन महिला डॉक्टरों ने मामले में “निष्पक्ष जांच” की मांग की है.
आरोपी डॉक्टर ने की निष्पक्ष जांच की मांग
महाराष्ट्र असोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (MARD) को लिखे एक लेटर में अंकिता खंडेलवाल, हेमा आहूजा और भक्ति मेहारे ने कहा कि वे चाहती हैं कि कॉलेज इस मामले में निष्पक्ष जांच करे और उन्हें “न्याय दे”.
तीनों डॉक्टरों ने लेटर में कहा, “पुलिस बल और मीडिया के दबाव में जांच करने का यह तरीका नहीं है जिसमें हमारा पक्ष नहीं सुना जा रहा.’’ एमएआरडी ने तीनों डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया है.
MARD के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारे पास पुख्ता जानकारी है कि तीनों डॉक्टरों ने तडवी के खिलाफ जातिगत टिप्पणियां कीं. इस मामले में आगे की जांच के लिए पुलिस का सहयोग करेंगे. 26 साल की तडवी ने 22 मई को खुदकुशी कर ली थी.
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