जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने 23 अक्टूबर को हिरासत से मुक्त होने के बाद पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की. मुफ्ती ने आर्टिकल 370 के मुद्दे को लेकर केंद्र पर हमला बोला और कहा कि जिस संविधान में वो विश्वास रखती है, उसे 'अपवित्र' किया गया है. इसके अलावा महबूबा ने कहा कि वो भारत का झंडा तभी उठाएंगी, जब जम्मू-कश्मीर का झंडा उठाने दिया जाएगा.
महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि देश संविधान से चलेगा, न कि बीजेपी के मेनिफेस्टो से.
J&K के झंडे पर क्या बोलीं मुफ्ती?
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वो तिरंगा तभी उठाएंगी, जब 'जम्मू-कश्मीर के झंडे' को भी फहराने की इजाजत दी जाएगी. मुफ्ती ने कहा, "मेरा झंडा ये है. जब ये वापस आएगा, तभी हम तिरंगा उठाएंगे. जब तक हमें अपना झंडा वापस नहीं मिलता, हम कोई और झंडा भी नहीं उठाएंगे. इस झंडे ने तिरंगे के साथ हमारे रिश्ते को जोड़ा था."
महबूबा ने कहा कि जब तक जम्मू-कश्मीर का संविधान और झंडा वापस नहीं आता, तब तक वो किसी चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगी.
पिछले साल अगस्त में आर्टिकल 370 हटने के बाद राज्य के सिविल सेक्रेटेरिएट पर तिरंगे के साथ लहराने वाले जम्मू-कश्मीर के झंडे को उतार दिया गया था. आर्टिकल 370 के तहत ही जम्मू-कश्मीर को अपना अलग झंडा रखने की इजाजत थी.
सिविल सेक्रेटेरिएट के अलावा सभी सरकार इमारतों से जम्मू-कश्मीर का झंडा उतारा गया था.
राज्य की संविधान सभा ने 7 जून 1952 को झंडा अपनाया था और इसमें तीन धारियां राज्य के तीन क्षेत्र जम्मू, कश्मीर और लद्दाख को दिखाती थीं.
चीन ने कब्जाई भारत की जमीन: मुफ्ती
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि चीन भी आर्टिकल 370 की बात करता है और इसे विवादित कहता है. उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद अंतर्राष्ट्रीय नजर में ऐसे आया, जैसे पहले कभी नहीं आया था."
वहीं, चीन के कथित तौर पर भारतीय जमीन पर कब्जा करने के मामले पर मुफ्ती ने कहा कि ये तथ्य है कि चीन ने हमारी 1000 sq km की जमीन हड़प ली है और भारत ने किसी तरह 40 किमी वापस ली है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)