पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद लोन शुक्रवार को हाउस अरेस्ट से रिहा कर दिए गए. बता दें कि अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को बेअसर करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) बांटने का ऐलान किया था. उस दौरान जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं को हिरासत में लिया गया था, जिसमें लोन भी शामिल थे.
लोन ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘’आखिरकार जब एक साल पूरा होने में 5 दिन बचे हैं, मुझे आधिकारिक तौर पर सूचित किया गया है कि मैं एक आजाद व्यक्ति हूं. काफी कुछ बदल गया है, मैं भी. जेल एक नया अनुभव नहीं थी. पहले वाली शारीरिक यातना की सामान्य खुराक के साथ कठोर थीं, लेकिन यह मनोवैज्ञानिक रूप से परेशान करने वाली थी. उम्मीद है कि जल्द ही काफी कुछ साझा करूंगा.’’
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस साल फरवरी में, लोन को, पीडीपी यूथ विंग अध्यक्ष वहीद पारा के साथ, MLAs हॉस्टल से उनके आवासों में शिफ्ट कर दिया गया था, जहां वे हाउस अरेस्ट रहे.
सज्जाद लोन, जिनके पिता अब्दुल गनी लोन की 2002 में मिलिटेंट्स ने हत्या कर दी थी, को बीजेपी के कोटे से पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार में मंत्री बनाया गया था. हालांकि, उन्होंने केंद्र के जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के साथ छेड़छाड़ की तरफ बढ़ने का कड़ा विरोध किया था.
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