केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है, जहां एक तरफ सरकार कानून वापस लेने के लिए तैयार नहीं है, वहीं किसानों का कहना है कि बिना कानूनों को रद्द करवाए वो लौटेंगे नहीं. इस आंदोलन को लेकर अब तरह-तरह की अफवाहें या बातें की जा रही हैं. एक शख्स ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर कहा है कि ये आंदोलन, शाहीन बाग को लेकर दिए गए फैसले का उल्लंघन करता है. इसीलिए इसे खत्म करवाया जाना चाहिए.
याचिकाकर्ता ने क्या दी है दलील?
याचिकाकर्ता ऋषभ शर्मा वही शख्स हैं, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन के खिलाफा याचिका दायर की है. उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को कोर्ट जल्द हटने का आदेश जारी करे. जिसके बाद अब शर्मा ने कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया है. इसमें उन्होंने कहा है कि किसानों का प्रदर्शन पब्लिक ऑर्डर से संबंधित है, लेकिन लोगों को हो रही परेशानी पर सभी चुप हैं. इस तरह की इजाजत देना सुप्रीम कोर्ट के शाहीन बाग को लेकर दिए गए फैसले के खिलाफ है. शर्मा ने आगे कहा है,
“अगर किसानों को सड़कें घेरकर प्रदर्शन करने की इजाजत आगे भी जारी रखी गई तो, ये सिर्फ कोर्ट के फैसले का ही उल्लंघन नहीं होगा, बल्कि ये आम लोगों को भी कई तरह की मुश्किलें देगा. इसके चलते रॉ मटीरियल की कीमत खुद ही बढ़ती जाएगी, साथ ही दूसरे सामान के दाम भी बढ़ेंगे.”
इतना ही नहीं याचिकाकर्ता शर्मा ने कोरोना का भी जिक्र किया है और कहा है कि इस प्रदर्शन की वजह से कोरोना मामलों में तेजी आ सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने किया था कोरोना का जिक्र
बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी किसान आंदोलन को लेकर कहा था कि वहां कोरोना फैलने का डर है. कोर्ट ने कहा था कि किसान आंदोलन में भी मरकज जैसे हालात हो सकते हैं. इसका जल्द समाधान निकलना चाहिए. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से केंद्र सरकार को नोटिस भी जारी किया गया है.
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