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PM मोदी ने क्यों की राजस्थान सरकार की तारीफ,क्या है भीलवाड़ा मॉडल?

राज्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पीएम ने राजस्थान सरकार की तारीफ की

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भारत
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कोरोना वायरस को लेकर पीएम मोदी ने एक बार फिर राज्यों के मुख्यंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. हालांकि इस बार सभी राज्यों के मुख्यमंत्री इस कॉन्फ्रेसिंग का हिस्सा नहीं बने. राज्यों से कोरोना की चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने एक राज्य की खासतौर पर तारीफ की. वो राज्य था राजस्थान, जो कोरोना पर काबू पाने में काफी कामयाब रहा है और जिसके भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा हर जगह है. इसीलिए पीएम मोदी ने सीएम अशोक गहलोत और उनकी सरकार की अन्य मुख्यमंत्रियों के सामने तारीफ की.

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पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणस्वामी ने पीएम मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद ये जानकारी दी. उन्होंने बताया कि, पीएम मोदी ने कहा कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने टेस्टिंग को लेकर काफी प्रयास किए हैं और कोरोना से बने हालात को अच्छी तरह से डील किया है.

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राजस्थान में फिलहाल 2234 कोरोना पॉजिटिव केस हैं. वहीं 46 लोगों की मौत भी हो चुकी है. राज्य में अब तक 87 हजार से भी ज्यादा सैंपल लिए जा चुके हैं और 669 लोग कोरोना से ठीक भी हो चुके हैं.

राजस्थान के क्या किया?

दरअसल राजस्थान की टेस्टिंग स्ट्रैटजी बाकी राज्यों से काफी अलग रही है. राजस्थान में अचानक कोरोना के मामलों में उछाल तो दिखा, लेकिन यहां की सरकार ने इसे बेकाबू होने से रोक लिया. यहां एक इलाके की पहचान कर वहां लगातार टेस्टिंग की रफ्तार को बढ़ाया जाता है. जिसके बाद जितने भी लोग पॉजिटिव होते हैं, या फिर उनमें कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं, उन्हें तुरंत क्वॉरंटीन कर लिया जाता है. इस तरह से कोरोना की चेन को तोड़ने में राज्य लगातार कामयाब रहा है. लेकिन देश और दुनिया में सबसे ज्यादा चर्चा राजस्थान के भीलवाड़ा की हो रही है.

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क्या है भीलवाड़ा मॉडल?

देशभर के राज्यों को भीलवाड़ा मॉडल से सीख लेकर अपने राज्यों में हालात सुधारने की सलाह दी जा रही है. राजस्थान के भीलवाड़ा में अचानक कोरोना के 27 केस सामने आए थे. कई डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ पॉजिटिव पाए गए. जिसके बाद सबकी नजरें इस छोटे से जिले पर टिक गईं. लेकिन सरकार ने तुरंत कुछ ही घंटों के भीतर आदेश जारी कर दिया कि पूरे शहर की सीमाओं को तुरंत सील कर दिया जाए. शहर में किसी को भी घुसने की इजाजत नहीं दी गई, वहीं कोई शहर से बाहर भी नहीं आ सकता था. जिले को तीन जोन में बांट दिया गया. इसके बाद दूसरा कदम टेस्टिंग को लेकर उठाया गया. शहर के सील होने के बाद वहां लगातार टेस्टिंग शुरू हुई.

हजारों स्वास्थ्य कर्मी स्क्रीनिंग में जुट गए. जिसमें भी सर्दी जुकाम और खांसी जैसे लक्षण पाए गए उन्हें तुरंत क्वॉरंटीन कर लिया गया. 32 लाख लोगों की स्क्रीनिंग हुई. करीब 14 हजार से ज्यादा लोगों को आइसोलेशन में रखा गया. सीएम गहलोत ने इस कर्फ्यू को रूथलेस कर्फ्यू का नाम दिया. यानी जहां किसी भी तरह की कोई ढ़ील नहीं दी जा सकती है.
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जिसका नतीजा ये हुआ कि भीलवाड़ा में कई दिनों तक कोई नया मामला सामने नहीं आया. पहला मामला सामने आने के करीब 15 दिन बाद ये जिला कोरोना मुक्त हो चुका था. जिसके बाद चारों तरफ भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा होने लगी. हालांकि पिछले दिनों में कुछ नए मामले सामने आए. जिसके बाद भीलवाड़ा में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 34 हो गई. जिनमें से 30 लोग पूरी तरह ठीक हो चुके हैं.

बता दें कि राजस्थान की तरह केरल और उत्तर प्रदेश के आगरा की भी तारीफ हो रही है. केरल में भारत का सबसे पहला कोरोना केस सामने आया था, लेकिन राज्य ने कई कड़े कदम उठाकर इसकी रफ्तार को बढ़ने से रोक दिया. एक वक्त केरल में सबसे ज्यादा कोरोना के केस थे.

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