प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो-दिवसीय G-20 समिट के दूसरे दिन 22 नवंबर को अपने संबोधन में पेरिस समझौते का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि भारत न सिर्फ समझौते के टारगेट पूरे कर रहा है, बल्कि उनसे आगे निकल रहा है. पीएम बोले, "क्लाइमेट चेंज से अकेले नहीं, बल्कि एकीकृत, व्यापक और समग्र तरीके से लड़ना चाहिए."
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, "भारत ने कई मामलों में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. हमने LED लाइट को पॉपुलर बनाया. इससे हर साल 38 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन कम होता है."
हमारी उज्जवला योजना से 80 मिलियन से ज्यादा घाटों को धुआं मुक्त रसोई मिली है. ये दुनियाभर में चलाई गई सबसे बड़ी क्लीन एनर्जी ड्राइव में शुमार है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
'भारत ने कम कार्बन वाले विकास कार्यों को अपनाया'
पीएम मोदी ने G20 समिट के दूसरे दिन कहा कि 'पर्यावरण के साथ सौहाद्र में रहने की हमारी परंपरा से प्रेरणा लेते हुए हमने कम कार्बन और क्लाइमेट अनुकूल विकास कार्यों को अपनाया है.'
हमारा लक्ष्य बर्बाद की गई 26 मिलियन हेक्टेयर जमीन को 2030 तक सुधारने का है. हम सर्कुलर इकनॉमी को बढ़ावा दे रहे हैं.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
पीएम ने कहा कि भारत मेट्रो नेटवर्क, वॉटर-वे जैसे नेक्स्ट-जनरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रहा है. पीएम मोदी बोले, "सहूलियत और कार्यक्षमता के साथ ही ये साफ पर्यावरण में योगदान देंगे. हम 2022 से पहले ही अपने 175 गीगा वाट की रिन्यूएबल एनर्जी के लक्ष्य को पा जाएंगे. अब हम 2030 तक 450 गीगा वाट पाने की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं."
'WW-II के बाद COVID सबसे बड़ी चुनौती'
21 नवंबर को समिट को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने COVID-19 महामारी को दुनिया के सामने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी चुनौती बताया था.
PM मोदी ने ये भी कहा कि COVID के बाद की दुनिया में कहीं से भी काम करना एक नई सामान्य स्थिति है. उन्होंने G20 का एक डिजिटल सचिवालय बनाए जाने का सुझाव भी दिया.
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