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पीएम मोदी ने अब तक किया 84 देशों का दौरा, खर्च हुए 1,484 करोड़

साल 2015-16 में सबसे ज्यादा विदेश दौरे

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भारत
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में सत्ता में आने के बाद से अब तक कुल 84 देशों की यात्राएं की हैं. पीएम मोदी के इन विदेश दौरों पर करीब 1,484 करोड़ रुपया खर्च हुआ है. सरकार की ओर से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, जून 2014 के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 84 देशों की यात्रा के दौरान चार्टर्ड उड़ानों, विमानों के रखरखाव और हॉटलाइन सुविधाओं पर 1,484 करोड़ रुपये खर्च किए गए.

विदेश मामलों के राज्य मंत्री वीके सिंह ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा में मोदी के विदेश यात्रा के दौरान किये गये खर्चे का ब्योरा साझा किया.

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साल 2015-16 में सबसे ज्यादा विदेश दौरे

आंकड़ों के अनुसार, 15 जून 2014 और 10 जून 2018 के बीच की अवधि के दौरान प्रधानमंत्री के विमान के रखरखाव पर 1088.42 करोड़ रुपये और चार्टर्ड उड़ानों पर 387.26 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. हॉटलाइन पर कुल खर्च 9.12 करोड़ रुपये का हुआ. मोदी ने मई 2014 में प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद से 42 विदेशी यात्राओं में कुल 84 देशों का दौरा किया.

इस व्यौरे में 2017-18 और 2018-19 में उनकी विदेशी यात्राओं के दौरान हॉटलाइन सुविधाओं पर हुआ खर्च शामिल नहीं है. साल 2018-19 में यात्राओं के लिए चार्टर्ड उड़ानों की लागत भी शामिल नहीं है.

साल 2015-16 में सबसे ज्यादा विदेश दौरे

वीके सिंह के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने 2015-16 में सबसे ज्यादा 24 देशों का दौरा किया और साल 2017-18 में 19, वहीं 2016-17 में 18 देशों का दौरा किया. साल 2014-15 में , मोदी ने 13 देशों का दौरा किया, जिसमें बतौर प्रधानमंत्री जून 2014 में उन्होंने पहला दौरा भूटान का किया था. साल 2018 में, उन्होंने 10 देशों का दौरा किया, जिसमें उनका अंतिम दौरा पिछले महीने का चीन दौरा रहा.

साल 2014-15 में विदेशी गंतव्यों के लिए चार्टर्ड उड़ानों की लागत 93.76 करोड़ रुपये थी, जबकि वर्ष 2015-16 में यह लागत 117 करोड़ रुपये थी. 2016-17 में , लागत 76.27 करोड़ रुपये और साल 2017-18 में, चार्टर्ड उड़ान पर खर्च 99.32 करोड़ रुपये था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं का उद्देश्य व्यापार , निवेश , प्रौद्योगिकी , विकास भागीदारी सहित विभिन्न क्षेत्रों में इन देशों के साथ परस्पर सूझबूझ बढ़ाना है.

इन यात्राओं से इस अवधि के दौरान राजनयिक पहुंच में इजाफा हुआ है. इस पहुंच से अन्य बातों के साथ-साथ सरकार के राष्ट्रीय विकास के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हमारे विदेशी सहभागियों से संबंध मजबूत हुए.

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