भारत को अपना पहला वॉर मेमोरियल मिलने जा रहा है. जिसमें देश के लिए लड़ते हुए शहीद हुए जवानों और युद्ध की कई जानकारियां लोगों को देखने को मिलेंगीं. पीएम मोदी 25 फरवरी सोमवार को इस वॉर मेमोरियल का उद्घाटन करेंगे. देशभर के लोग इस वॉर मेमोरियल का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. यह इंतजार अब खत्म होने जा रहा है.
नेशनल वॉर मेमोरियल की खास बातें
- आजादी के बाद शहीद हुए जवानों के नाम
- 21 परमवीर चक्र विजेताओं को विशेष सम्मान, सभी के स्कल्पचर तैयार
- 1962 में भारत-चीन युद्ध, 1947, 1965 और 1971 में भारत-पाक युद्ध, 1999 में कारगिल और अन्य ऑपरेशन में शहीद होने वाले जवानों के नाम
- वॉर मेमोरियल की कुल लागत 176 करोड़ रुपये
- इंडिया गेट की तरह जलेगी अखंड ज्योति
- कई देशों में वॉर मेमोरियल मौजूद हैं, भारत में आजादी के बाद पहली बार ऐसा मेमोरियल बनाया गया है
मोदी सरकार ने की थी घोषणा
इस स्मारक को बनाने की घोषणा मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद की थी. प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद नरेंद्र मोदी ने वॉर मेमोरियल बनाने की बात कही थी. इसके बाद इस पर काम शुरू हुआ और अब यह बनकर तैयार है. इससे बनाने में लगभग 150 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का खर्च आया है.
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यह वॉर मेमोरियल इंडिया गेट के नजदीक बनाया गया है. इसे करीब 26 हजार शहीदों के सम्मान में तैयार किया गया है. इसके लिए 40 एकड़ जमीन का इस्तेमाल किया गया है. यह वॉर मेमोरियल सोमवार को उद्घाटन के बाद आम लोगों के लिए खुल जाएगा.
दिखेगी तीनों सेनाओं की बहादुरी
इस वॉर मेमोरियल में तीनों सेनाओं के जांबाज सैनिकों की बहादुरी की झलक लोगों को दिखेगी. लोगों को उन सभी सैनिकों के बारे में पता चलेगा जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण त्याग दिए. बताया जा रहा है कि इसमें आजादी के बाद से हुए लगभग हर ऑपरेशन या युद्ध में शहीद हुए जवानों के नाम होंगे. इसके अलावा सेना के इन जवानों के साहस और शौर्य के बारे में भी लोग जानेंगे. काफी लंबे समय से सशस्त्र बलों की तरफ से वॉर मेमोरियल बनाने की मांग उठ रही थी.
वॉर मेमोरियल के उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी के साथ रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और तीनों सेनाओं के चीफ भी मौजूद रहेंगे. इनके अलावा कई केंद्रीय मंत्री भी यहां पहुंच सकते हैं.
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