पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया. उन्होंने अपने भाषण में अपनी पिछली 5 साल की और नई नवेली सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. कारोबारियों के लिए बिजनेस करने को आसान बनाने की पहल के साथ ही उन्होंने लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए भी अपनी सरकार के नजरिए को बताया. उन्होंने कहा ‘ईज ऑफ डूइंग’ बिजनेस तो पड़ाव है असली मंजिल है ‘ईज ऑफ लिविंग’
PM मोदी ने बताया देश के आम लोगों का जीवन आसान करने के लिए सरकार काम कर रही है. ‘क्या आजादी के इतने सालों के बाद रोजमर्रा की जिंदगी में सरकारों की दखल को कम नहीं कर सकते? आजाद भारत का मतलब ये है कि सरकार लोगों की जिंदगी से बाहर आए. हमको ऐसा इकोसिस्टम बनाना होगा.’
सरकार का दबाव नहीं होना चाहिए. जहां मुसीबत आए, वहां सरकार का अभाव भी नहीं होना चाहिए. न सरकार का दबाव हो, न अभाव हो. सरकार जनता के साथी के रूप में मौजूद हो.नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
खत्म किए 1450 गैरजरूरी कानून
पीएम मोदी ने बताया कि हमने गैरजरूरी कई कानूनों को खत्म किया. पिछले पांच साल में हमने हर दिन एक गैरजरूरी कानून खत्म किए. 5 साल में सरकार ने 1450 कानून खत्म किए. नई सरकार ने 60 कानून खत्म किए. हम ईज ऑफ डूइंग बिजनेस लाना चाहते हैं. कारोबार को आसान बनाने के साथ-साथ सरकार ईज ऑफ लिविंग को भी बढ़ावा देना चाहती है. हम इस दिशा में बहुत कुछ करने में कामयाब हुए हैं. दुनिया का भी भारत पर भरोसा बढ़ा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- हमें धीरे-धीरे नहीं चलना है, छलांग लगाना है. आम जनता देश में बदलाव चाहती है, कामयाबी चाहती है. हमारी सरकार 100 लाख करोड़ रुपए आधुनिक इंफ्रा पर लगाएगी. इससे रोजगार तो मिलेगा ही, आम लोगों का जीवन भी बेहतर होगा. सागरमाला प्रोजेक्ट के जरिए सड़कें बनेंगी, आधुनिक अस्पताल बनेंगे, शिक्षण संस्थान बनेंगे.
‘लोगों के नजरिए में आया बदलाव’
पहले लोग कहते थे- अच्छा है रेलवे स्टेशन बनने जा रहा है. अब लोग कहते हैं - वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन हमारे इलाके में कब आ रही है. अब लोग बस स्टैंड नहीं हवाईअड्डा मांगते हैं. देश के लोगों ने ये बदलाव महसूस किया है. पहले लोग पूछते थे - पक्की सड़क कब बनेगी? अब पूछते हैं - फोन लेन वाली सड़क बनेगी या 6 लेन वाली.
पहले गांव के बाहर बिजली का खंभा आने भर से खुश हो जाते थे. अब पूछते हैं 24 घंटे बिजली कब आएगी. पहले मोबाइल फोन से संतुष्टि मिलती थी. आज लोग पूछते है डेटा स्पीड कितनी है. हमें इस बदलते हुए वक्त को समझना होगा. गैस ग्रिड, ई-मोबिलिटी, इन सब में हमें आगे बढ़ना है.
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