प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के बीच शनिवार को मुलाकात हुई. इस दौरान सुरक्षा, व्यापार और ऊर्जा के प्रमुख क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों पर दोनों पक्षों में नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. इनमें दोहरे कराधान से जुड़ा एक समझौता भी शामिल है. अपनी बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय हालात पर चर्चा की.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया,
व्यापार, निवेश, ऊर्जा, संपर्क, रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रीय मुद्दों पर दोनों नेताओं ने ठोस और लाभकारी चर्चा की.विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार का ट्वीट
रूहानी के साथ एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ईरानी राष्ट्रपति की यात्रा दिखाती है कि दोनों देश कैसे संपर्क सहित प्रमुख क्षेत्रों में अपने सहयोग को मजबूत बनाना चाहते हैं. अपनी बातचीत का ब्योरा देते हुए पीएम ने कहा कि उन्होंने आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी और अन्य चुनौतियों से पैदा हुए खतरों पर चर्चा की.
वहीं ईरानी राष्ट्रपति रूहानी ने कहा,
हम आतंकवाद और चरमपंथ से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं.हसन रूहानी, ईरान के राष्ट्रपति
ईरानी नेता ने यह भी कहा कि कूटनीति और राजनीतिक पहलों के जरिए क्षेत्रीय संघर्ष सुलझाए जाने चाहिए.
रूहानी के 2013 में सत्ता संभालने के बाद यह भारत का पहला दौरा है. यह दौरा मोदी की 2016 की तेहरान यात्रा के बाद हो रहा है, जिसमें भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच परिवहन के त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था.
पीएम मोदी ने रणनीतिक तौर पर अहम चाबहार पोर्ट को विकसित करने में पेश किए गए नेतृत्व के लिए रूहानी की तारीफ भी की. दोहरे कराधान समझौते के अलावा दोनों देशों ने प्रत्यर्पण संधि को मंजूरी करने के दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया. वीजा प्रक्रिया आसान बनाने का भी संकल्प किया गया.
इससे पहले, राष्ट्रपति भवन में रूहानी का स्वागत किया गया. सुबह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रूहानी से मुलाकात की और उनसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.
(इनपुट भाषा से)
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