यूरोप दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) डेनमार्क में आयोजित दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद फ्रांस पहुंच गए हैं. जहां पेरिस के एलिसी पैलेस में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया.
पीएम मोदी के साथ दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में डेनमार्क, आइसलैंड, फिनलैंड, स्वीडन और नॉर्वे के प्रधानमंत्री भी मौजूद थे. आपको बता दें कि 2018 में स्वीडन के स्टॉकहोम में पहले भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ था.
'नॉर्डिक राष्ट्रों के साथ संबंधों को मिलेगा बढ़ावा'
कोपेनहेगन में दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और स्वीडन के प्रधानमंत्रियों के साथ फोटो खिंचवाई. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि, "भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन से इस क्षेत्र के साथ भारत के संबंधों को बढ़ावा मिलेगा. हम एक साथ मिलकर वैश्विक समृद्धि और सतत विकास में बहुत बड़ा योगदान कर सकते हैं.
इसके साथ ही डेनमार्क के प्रधानमंत्री और लोगों का आभार जताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, "मेरी डेनमार्क की यात्रा बहुत उपयोगी रही है. राजनयिक बैठकों, सांस्कृतिक और वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ावा देने के साथ भारतीय समुदाय से जुड़ने का मौका मिला."
इससे पहले पीएम मोदी ने फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और स्वीडन के प्रधानमंत्रियों के साथ बैठक की है. इस दौरान जलवायु परिवर्तन समेत भारत-नॉर्डिक सहयोग जैसे विषयों पर चर्चा हुई.
पांच बिंदुओं पर हुई चर्चा
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि नॉर्डिक नेताओं के साथ प्रधानमंत्री की बैठक की शुरुआत नॉर्वे के समकक्ष के साथ बैठक से शुरू हुई. जहां इन बिंदुओं पर चर्चा हुई.
ब्लू इकोनॉमी और इसके विभिन्न पहलू
नवीकरणीय ऊर्जा
प्रौद्योगिकी और निवेश संबंध
स्वास्थ्य क्षेत्र, जिसमें दोनों नेताओं ने टीका और स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास संबंधित सहयोग के बारे में बात की
भारत में जल निकायों के निर्माण पर चर्चा
पीएम मोदी फ्रांस रवाना
भारत-नॉर्डिक सम्मेलन में शामिल होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के लिए रवाना हो गए हैं. PM मोदी पेरिस में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे. मैक्रों ने हाल ही फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव में दोबारा जीत हासिल की है. सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच इस पर बात होगी कि कैसे फ्रांस, भारत का 'पार्टनर ऑफ चॉइस' बन सकता है और भारत को डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर सकता है.
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