प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 दिसंबर को वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए जलवायु परिवर्तन की चुनौती से लड़ने के लिए भारत की ओर से उठाए गए कदमों का जिक्र किया. पीएम मोदी ने दुनिया को बताया कि किस तरह से उत्सर्जन कम करने से लेकर अक्षय ऊर्जा पर जोर देकर जलवाय परिवर्तन की चुनौती से भारत में लड़ाई चल रही है.
ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते की पांचवीं वर्षगांठ पर संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन का आयोजन किया था. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,
“भारत न केवल पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में कार्य कर रहा है, बल्कि इससे भी आगे जाकर नए कदम उठा रहा है. भारत न केवल अपने टारगेट पूरा करेगा, बल्कि आपकी आकांक्षाओं और अपेक्षाओं पर भी खरा उतरेगा.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान हानिकारक गैसों के उत्सर्जन को कम करने, अक्षय ऊर्जा की स्थापित क्षमता में लगातार वृद्धि करने जैसे कदमों का विशेष तौर पर उल्लेख किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "वर्ष 2047 को भारत आधुनिक स्वतंत्र देश के सौ साल के रूप में मनाएगा. वर्ष 2047 का भारत न केवल अपने लक्ष्य पूरा करेगा बल्कि आप सबकी अपेक्षाओं को भी पूरा करेगा."
पीएम ने कहा कि हमारी सौर ऊर्जा क्षमता 2014 में 2.63 गीगा वाट से बढ़कर अब 2020 में 36 गीगा वाट हो गई है. उन्होंने कहा, "हमारी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता विश्व में चौथे नंबर पर है. ये 2022 से पहले 175 गीगा वाट हो जाएगी."
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