प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 फरवरी को अपने रेडियो प्रोग्राम 'मन की बात' के जरिए देशवासियों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने एक बुजुर्ग महिला की कहानी सुनाकर उन्हें प्रेरणा की बड़ी स्रोत बताया.
पीएम मोदी ने कहा, ‘’अगर हम जीवन में प्रगति करना चाहते हैं, विकास करना चाहते हैं, कुछ कर गुजरना चाहते हैं तो पहली शर्त यही होती है, कि हमारे भीतर का विद्यार्थी कभी मरना नहीं चाहिए. हमारी 105 वर्ष की भागीरथी अम्मा, हमें यही प्रेरणा देती हैं.’’
इसके आगे पीएम मोदी ने कहा, ''अब आप सोच रहे होंगे कि भागीरथी अम्मा कौन हैं? भागीरथी अम्मा केरल के कोल्लम में रहती हैं. बहुत बचपन में ही उन्होंने अपनी मां को खो दिया. छोटी उम्र में शादी के बाद पति को खो दिया, लेकिन भागीरथी अम्मा ने अपना हौसला नहीं खोया, अपना जज्बा नहीं खोया.''
भागीरथी अम्मा को लेकर पीएम मोदी ने कहा,
‘’10 साल से कम उम्र में उन्हें अपना स्कूल छोड़ना पड़ा था. 105 साल की उम्र में उन्होंने फिर स्कूल शुरू किया, पढ़ाई शुरू की. इतनी उम्र होने के बावजूद भागीरथी अम्मा ने लेवल-4 की परीक्षा दी और बड़ी बेसब्री से रिजल्ट का इंतजार करने लगीं. उन्होंने परीक्षा में 75 फीसदी अंक प्राप्त किए. इतना ही नहीं, गणित में तो शत-प्रतिशत अंक हासिल किए.’’पीएम नरेंद्र मोदी
पीएम मोदी ने बताया, ''अम्मा अब और आगे पढ़ना चाहती हैं. आगे की परीक्षाएं देना चाहती हैं. जाहिर है, भागीरथी अम्मा जैसे लोग इस देश की ताकत हैं, प्रेरणा की एक बहुत बड़ी स्रोत हैं. मैं आज विशेष रूप से भागीरथी अम्मा को प्रणाम करता हूं.'' पीएम मोदी ने ये बातें 'मन की बात' के 62वें एपिसोड में बताईं.
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