प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डावोस के लिए रवाना हो चुके हैं. डावोस (स्विट्जरलैंड) में वह अपने कार्यक्रमों के दौरान अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ भारत के भविष्य संबंधों पर अपना नजरिया रखेंगे. पीएम मोदी चाहते हैं कि दुनिया के नेता मौजूदा वैश्विक प्रणालियों के समक्ष वर्तमान और नई उभर रही चुनौतियों पर ‘ गंभीरता से ध्यान दें'.
मोदी डावोस में इस बार वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की शिखर बैठक के पहले पूर्ण अधिवेशन को संबोधित करने वाले हैं.
मोदी ने डावोस यात्रा से एक दिन पहले कहा कि भारत का अन्य देशों के साथ संबंधों का हाल के सालों में विस्तार हुआ है. बाहरी दुनिया के साथ देश के संबंध ‘वास्तविक रूप से बहुआयामी हुए हैं, जिनमें राजनीतिक, आर्थिक, सामान्य जन के स्तर पर, और सुरक्षा के साथ अन्य आयाम शामिल हैं.'
इंडियामीन्स बिजनेस हैशटैग के साथ किये गये एक के बाद एक कई ट्वीट में मोदी ने कहा, ‘‘डावोस में मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ भारत के भविष्य के संबंधों के बारे में अपनी राय रखूंगा.’’
पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें वहां स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बेरसेट और स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन के साथ द्विपक्षीय बैठक का इंतजार है.
मुझे यकीन है कि द्विपक्षीय मुलाकातें फायदेमंद होंगी और इन देशों के साथ हमारे संबंध और आर्थिक सहयोग मजबूत होगा. समकालीन अंतरराष्ट्रीय प्रणाली और वैश्विक सरकारी ढांचे के समक्ष मौजूदा और उभर रही चुनौतियों पर नेताओं, सरकारों, नीति निर्माताओं, कॉरपोरेट और सामाजिक संगठनों को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है.नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
मोदी ने कहा, उन्होंने सम्मेलन के मुख्य मंत्र ‘क्रिएटिंग अ शेयर्ड फ्यूचर इन अ फ्रैक्चर्ड वर्ल्ड' (बंटी हुए संसार के साझे भविष्य का सृजन) को विचारपूर्ण और उचित बताते हुए कहा, ‘‘मुझे भारत के अच्छे दोस्त और मंच के संस्थापक प्रोफेसर क्लाउस श्वाब के निमंत्रण पर डावोस में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की बैठक में भाग लेने का इंतजार है.”
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