पीएनबी घोटाला मामले में गिरफ्तार विपुल चितालिया, गोकुलनाथ शेट्टी समेत सभी 11 आरोपियों को सीबीआई की विशेष अदालत ने 28 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
सीबीआई का आरोप है कि हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी की कंपनियों ने पीएनबी के कुछ अधिकारियों से साठगांठ कर 13,000 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जी एलओयू हासिल किए किए थे.
गोकुलनाथ शेट्टी और चितालिया भी न्यायिक हिरासत में
प्रमुख आरोपियों में पीएनबी के पूर्व उपमहाप्रबंधक गोकुलनाथ शेट्टी, गीतांजलि समूह के वाइस प्रेसिडेंट विपुल चितालिया, पीएनबी के सिंगल विंडो ऑपरेटर मनोज खरात, नीरव की कंपनी के हेमंत भट्ट, पीएनबी के फॉरेक्स विभाग के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक बेचू तिवारी समेत सभी आरोपियों को शनिवार को अदालत में पेश किया गया. सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
ये भी पढ़ें- पीएनबी में फिर सामने आया करोड़ों का नया फ्रॉड, CBI ने दर्ज की FIR
फरवरी में सामने आया था पीएनबी घोटाला
हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की तरफ से पीएनबी को 12,600 करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगाकर विदेश भागने के मामले में जांच चल रही है. ये मामला सीबीआई और ईडी के पास है.
नीरव मोदी का मामा मेहुल चौकसी गीतांजलि ग्रुप चलाता है. ग्रुप की तीन कंपनियों गीतांजलि जेम्स, गिली इंडिया और नक्षत्र के खिलाफ फ्रॉड केस दर्ज हुए हैं.
रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग
पीएनबी घोटाले के मामले में हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए इंटरपोल का रुख किया है. बताया जा रहा है कि कोर्ट की तरफ से नॉन बेलेबल वारंट के आधार पर ईडी ने नीरव और मेहुल के खिलाफ इंटरपोल से ये अपील की.
ये भी पढ़ें- नीरव-मेहुल के पापों की सजा ईमान से हीरा चमकाने वालों को क्यों?
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)