पंजाब नेशनल बैंक फ्रॉड केस के आरोपी मेहुल चोकसी को भारत लाने के लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और एंटीगा ने प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. ऐसा होने के बाद चोकसी को वापस लाना अब आसान हो जाएगा.
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने एंटीगा के साथ प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए हैं. अब तक एंटीगा और भारत के बीच कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं थी.
चोकसी के एंटीगा की नागरिकता लेने और वहां होने की पुष्टि होने के बाद भारत ने एंटीगा सरकार से मदद मांगी थी. उसके प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार ने एंटीगा को आधिकारिक तौर पर आवेदन भी दिया.
एंटीगा के कानून में सहयोग की बात
वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि प्रत्यर्पण संधि 1962 के प्रोविजन एंटीगा और बरबूडा पर भी लागू होंगे. एंटीगा और बरबूडा ने साल 2001 में प्रत्यर्पण अधिनियम के तहत कॉमनवेल्थ देशों के तहत भारत को अधिसूचित किया था.
एंटीगा के अपने कानून में कॉमनवेल्थ सदस्य देशों के साथ आपराधिक मामलों में सहयोग का प्रावधान है. भारत और एंटीगा दोनों ही कॉमनवेल्थ के सदस्य हैं. ऐसे में भारत को इसका फायदा मिल सकता है.
फरवरी में सामने आया था पीएनबी घोटाला
हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की तरफ से पीएनबी को 13 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगाकर विदेश भागने के मामले में जांच चल रही है. ये मामला सीबीआई और ईडी के पास है.
14 फरवरी को 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आर्इ थी. बाद में यह फ्रॉड बढ़कर 13 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा का हो गया.
2011 से 2018 के बीच हजारों करोड़ की रकम फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिग (LoUs) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर की गई. नीरव मोदी का मामा मेहुल चौकसी गीतांजलि ग्रुप चलाता था. ग्रुप की तीन कंपनियों गीतांजलि जेम्स, गिली इंडिया और नक्षत्र के खिलाफ फ्रॉड केस दर्ज है.
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