मल्टीप्लेयर मोबाइल गेम PUBG खेलने के लिए राजकोट पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि इन सभी को जमानत पर रिहा कर दिया गया है. गुजरात सरकार के दिशा-निर्देशों के बाद राज्य के कई जिलों में PUBG को बैन कर दिया है.
पुलिस कमिश्नर मनोज अग्रवाल ने अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस मामले में अब तक 12 केस दर्ज किए गए हैं. राजकोट में 6 मार्च को PUBG को बैन करने का नोटिफिकेशन जारी किया गया था. इस नोटिफिकेशन में कहा गया, ‘’हमारी जानकारी में आया है कि PUBG गेम युवाओं के अंदर हिंसक व्यवहार को बढ़ावा दे रहा है. इस गेम का युवाओं की पढ़ाई पर भी असर हो रहा है.’’
बुधवार को राजकोट स्पेशल ऑपरेशन्स ग्रुप (SGO) ने तीन युवाओं को पुलिस मुख्यालय के पास गिरफ्तार किया था. SGO पुलिस इंस्पेक्टर रोहित रावल ने बताया, ''हमारी टीम ने इन युवाओं को रंगे हाथों पकड़ा था. वे PUBG गेम खेलते पाए गए, इसके बाद उनको कस्टडी में ले लिया गया.''
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ''हम संदेश देना चाहते हैं कि PUBG बैन का नोटिफिकेशन सिर्फ कागज पर नहीं रहेगा.'' PUBG की लत किशोरों और युवाओं में तेजी से फैलती जा रही है. इससे अपराध बढ़ रहे हैं. जालंधर में 15 साल के एक किशोर ने PUBG एसेसरीज खरीदने के लिए अपने पिता के अकाउंट से 50 हजार रुपये चुरा लिए थे.
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों के हाथ में मोबाइल नहीं देना चाहिए. साथ ही अपने अकाउंट को पासवर्ड और पिन से सुरक्षित रखना चाहिए. जालंधर की घटना में बच्चे ने पिता के मोबाइल से पैसे दोस्त के पेटीएम में ट्रांसफर किए थे और इस पैसे से PUBG एसेसरीज खरीदा गया था. ऐसे में पैरेंट्स को भी सावधान रहने को कहा गया है.
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