जम्मू-कश्मीर के शोपियां से अगवा किए गए पुलिस कांस्टेबल जावेद अहमद डार की आतंकियों ने हत्या कर दी है. जावेद का शव कुलगाम से बरामद हुआ है. उनके शव पर गोलियों के निशान हैं. जावेद शोपियां के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र कुमार की सुरक्षा में तैनात थे. डार के अपहरण और हत्या की जिम्मेदारी कुख्यात आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन ने ली है.
करीब एक महीने पहले आतंकियों ने ही शोपियां से सेना के जवान औरगंजेब को अगवा कर उनकी हत्या कर दी थी.
सोशल मीडिया पर डाली टॉर्चर की तस्वीरें
जावेद को जिस वक्त अगवा किया गया, वह अपनी मां के लिए दवाई लेने जा रहे थे. मेडिकल शॉप के लिए जाने के दौरान ही सेंट्रो कार में सवार होकर आए चार आतंकियों ने पहले हवा में फायरिंग की और जावेद को अगवा कर लिया. इसके बाद से ही उनकी तलाश के लिए ऑपरेशन चलाया जा रहा था, लेकिन कामयाबी नहीं मिली.
अगवा किए जाने के कुछ देर बाद ही सोशल मीडिया में जावेद को टॉर्चर करने की तस्वीरें भी अपलोड की गईं थी.
घाटी में सुरक्षाबल के जवान को निशाना बनाए जाने का दूसरा मामला
घाटी में सुरक्षाबल के किसी जवान को अगवा करने और उसकी हत्या करने का यह दूसरा मामला है. इससे पहले ईद से ठीक एक दिन पहले आतंकियों ने राष्ट्रीय राइफल्स के जवान औरंगजेब को पुलवामा से अगवा कर लिया था. औरंगजेब ईद मनाने अपने घर जा रहे थे. अगले दिन गोलियों से छलनी उनका शव बरामद हुआ था.
वहीं, जम्मू-कश्मीर पुलिस में कॉन्सटेबल जावेद अहमद डार को उस दिन अगवा किया गया, जब गृह मंत्री राजनाथ सिंह सुरक्षा का जायजा लेने श्रीनगर गए थे.
श्रीनगर में चली इस उच्चस्तरीय बैठक में राज्यपाल एन एन वोहरा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल और श्रीनगर के शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने हिस्सा लिया था. बैठक के बाद गृह मंत्री ने कहा था कि राज्य में शांति और स्थिरता को एक ईमानदार, प्रभावी और कुशल प्रशासन के माध्यम से ही लाया जा सकता है.
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