देश के कई हिस्सों में CAA-NRC को लेकर प्रदर्शन चल रहे हैं. कई यूनिवर्सिटीज के छात्र भी इस कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं. इस बीच पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का बयान सामने आया है.
मुखर्जी ने युवाओं की राय को बेहद अहम बताया है. साथ ही ये भी कहा है जो युवा सड़कों पर उतरे हैं, अपने विचार रख रहे हैं, उनकी राय जानना जरूरी है. दिल्ली में निर्वाचन आयोग की ओर से आयोजित पहले सुकुमार सेन स्मृति व्याख्यान को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा कि सहमति और असहमति लोकतंत्र के मूल तत्व हैं.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, "भारतीय लोकतंत्र समय की कसौटी पर हर बार खरा उतरा है. पिछले कुछ महीनों में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर निकले हैं, खास तौर से युवाओं ने उन मुद्दों पर अपने विचार रखे हैं, जिनपर उनकी राय महत्वपूर्ण हैं. संविधान में इनकी आस्था दिल को छूने वाली बात है."
“आम राय लोकतंत्र की जीवन रेखा है. सहमति और असहमति लोकतंत्र के मूल तत्व हैं. लोकतंत्र में सभी की बात सुनने, विचार रखने, विमर्श करने, तर्क वितर्क करने और यहां तक कि असहमति के लिए महत्वपूर्ण जगह है.”प्रणब मुखर्जी, पूर्व राष्ट्रपति
इसके साथ ही पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, "मेरा मानना है कि देश मे शांतिपूर्ण आंदोलनों की मौजूदा लहर एक बार फिर हमारे लोकतंत्र की जड़ों को गहरा और मजबूत बनाएगी."
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