प्रसार भारती ने न्यूज एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) को कथित राष्ट्रविरोधी रिपोर्टिंग को लेकर चेतावनी दी है. प्रसार भारती द्वारा एक लेटर में पीटीआई से अपने रिश्ते खत्म करने की चेतावनी की बात सामने आई है. प्रसार भारती ने यह कदम तब उठाया है, जब पीटीआई ने चीनी राजदूत सुन वेदोंग का एक साक्षात्कार जारी किया, जिसमें उसने भारत-चीन हिंसक संघर्ष के लिए कथित तौर पर भारत को दोषी ठहराया. इस हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे.
प्रसार भारती ने जताई है गहरी नाराजगी
सूत्रों का कहना है कि शनिवार को अपनी बोर्ड बैठक से ठीक पहले पीटीआई को सख्त भाषा में लिखा गया एक पत्र भेजा गया है, जिसमें सार्वजनिक प्रसारणकर्ता (पब्लिक ब्रॉडकास्टर) ने पीटीआई द्वारा राष्ट्र विरोधी रिपोटिर्ंग पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है. प्रसार भारती ने पीटीआई के संपादकीय रुख को देखते हुए कहा है कि अब उसके साथ संबंध बनाए रखना मुश्किल हो रहा है.
सरकारी सूत्रों का दावा है कि पीटीआई को प्रसार भारती से विभिन्न प्रकार की फीस के रूप में दशकों से करोड़ों रुपये प्राप्त होते रहे हैं. सूत्रों ने हालांकि कहा कि पीटीआई 2016-17 से इसकी समीक्षा पर जोर देता रहा है.
अब पीटीआई की कथित 'देशविरोधी' चीन रिपोर्टिंग से प्रसार भारती को लगता है कि इस करार के साथ आगे बढ़ना ठीक नहीं होगा.
प्रसार भारती न केवल पीटीआई के साथ अपने संबंधों की समीक्षा कर रहा है, बल्कि जल्द से जल्द अंतिम निर्णय भी बताएगा.
25 जून को पब्लिश हुआ था इंटरव्यू
25 जून को पब्लिश हुए इंटरव्यू में चीनी राजनयिक ने लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के लिए सीधे तौर पर भारत को ही जिम्मेदार ठहराया था. पीटीआई की ओर से लिए गए इस साक्षात्कार में चीनी राजयनिक ने कहा था कि यह घटना पूरी तरह से भारतीय पक्ष द्वारा उकसाने के बाद घटित हुई थी और इसमें चीनी पक्ष जिम्मेदार नहीं है. इस साक्षात्कार के बाद चीनी राजदूत ने एक ट्वीट करके भी पीटीआई को साक्षात्कार दिए जाने की बात कही थी.
वर्तमान सरकार के साथ पीटीआई का विवाद कई बार सामने आ चुका है. कुछ साल पहले, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि पीटीआई ने बाढ़ से संबंधित हवाईअड्डे की एक गलत तस्वीर का इस्तेमाल किया है. उस समय बाढ़ग्रस्त गुजरात में अहमदाबाद हवाईअड्डे को लेकर पीटीआई पर सवाल उठाया गया था. इसके बाद समाचार एजेंसी ने अपनी गलती के लिए माफी मांगी थी.
(इनपुट: IANS)
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