प्रयागराज में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा और बवाल ( Prayagraj violence) के मास्टरमाइंड होने के आरोपी जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप (Javed Mohammad) का घर बुलडोजर से गिराए जाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में मंगलवार , 28 जून को सुनवाई हुई. जावेद मोहम्मद की पत्नी परवीन फातिमा की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार और प्रयागराज विकास प्राधिकरण से 24 घंटे में जवाब मांगा है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई 30 जून को करने का आदेश दिया है.
इस मामले की सुनवाई जस्टिस अंजनी कुमार मिश्रा और जस्टिस सैयद वाइज मियां की डिवीजन बेंच में हुई. मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा ने सरकार और प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA) का पक्ष रखा.
वहीं जावेद मोहम्मद की परवीन फातिमा और उनकी छोटी बेटी सुमैया फातिमा की ओर से दाखिल याचिका पर अधिवक्ता के के राय, अधिवक्ता राजवेन्द्र सिंह और अधिवक्ता सईद सिद्दीकी ने बहस की.
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद राज्य सरकार से और प्रयागराज विकास प्राधिकरण से जवाब मांगा है और मामले की सुनवाई की अगली तिथि 30 जून नियत की है.
मालूम हो कि प्रयागराज हिंसा में मुख्य साजिशकर्ता होने के आरोपी जावेद मोहम्मद के घर पर प्रयागराज प्रशासन ने बुलडोजर चलाया था. हालांकि याचिकाकर्ता पक्ष के वकीलों का दावा है कि प्रशासन ने नोटिस भले जावेद मोहम्मद के नाम जारी किया था लेकिन घर उनकी पत्नी परवीन फातिमा के नाम पर था. परिवार का कहना है कि उनके पास इसे साबित करने के लिए डॉक्यूमेंट मौजूद हैं, प्रयागराज नगरपालिका प्राधिकरण का डॉक्यूमेंट स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि घर परवीन फातिमा के नाम पर रजिस्टर्ड है. नगरपालिका के रिकॉर्ड में भी ऐसा ही है.
प्रशासन के बुलडोजर एक्शन के बाद अब परवीन फातिमा और उनकी बेटी ने घर के पुनर्निर्माण और उनके घर बनने तक सरकारी आवास की मांग करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
(इनपुट- सुधीर शुक्ल)
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