कुछ ऐसी तस्वीरें होती हैं जो सरकार के तमाम दावों और वादों पर सवाल खड़ा कर देती हैं. ये सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या हम उसी देश में रह रहे हैं जहां 5 ट्रिलियन डॉलर इकनॉमी की बात होती है और फिर ये वीडियो सामने आता है. जिसमें विशाखापत्तनम की एक गर्भवती महिला को कपड़े में टांगकर अस्पताल तक पहुंचाया जाता है क्योंकि उस इलाके में सड़क ही नहीं हैं. हालांकि,ऊपर वाले का करम है कि वीडियो में दिख रही महिला और नवजात की सेहत स्थिर है.
ये सिर्फ एक जगह की कहानी नहीं है, कभी चादर में लपेटकर गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने तो कभी कंधे पर शव ढोने की तस्वीरें लगातार सामने आती रहती हैं.
हालात बदतर हैं, करें तो करें क्या?
ये देशभर के कई राज्यों में स्वास्थ्य सुविधाओं के नाजुक हालात को ही दिखाता है. अभी हाल ही में आई नीति आयोग की रिपोर्ट बताती है कि भारत के 21 बड़े राज्यों में से नौ ने अपने स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रदर्शन में गिरावट देखी है और इनमें से पांच देश के सबसे गरीब राज्य में से हैं. बिहार में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है.ये जो गिरावट दर्ज की गई है, इसमें नवजात और कम उम्र की मृत्यु दर, अस्पतालों में प्रसव की सुविधाएं, जन्म के समय लिंग अनुपात जैसे इंडीकेटर हैं.
इंडेक्स में कौन कहां पर?
25 जून, 2019 को नीति आयोग की तरफ से हेल्दी स्टेट प्रोग्रेसिव इंडिया रिपोर्ट जारी किया गया. जिसमें 2015-16 और 2017-18 के बीच स्वास्थ्य क्षेत्र में राज्यों के प्रदर्शन की तुलना की गई थी. एक इंडेक्स तैयार कर रैंकिंग की गई, जिसमें केरल का इंडेक्स स्कोर सबसे ज्यादा (74.01) था, मतलब कि यहां स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बाकी राज्यों की तुलना में बेहतर है. दूसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश (65.13) है, हालांकि ऊपर जिस वीडियो की बात की जा रही है वो आंध्र प्रदेश का ही है. तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र (63.99) का स्थान रहा. यूपी का सबसे कम स्कोर (28.61), उसके बाद बिहार (32.11) और ओडिशा (35.97) का स्थान रहा.
सात राज्यों में स्कोर में सुधार देखा गया, जबकि नौ राज्यों में गिरावट देखी गई. इनमें से 5 - बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा और मध्य प्रदेश - जैसा कि हमने कहा, भारत के सबसे गरीब राज्यों में से हैं. राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ के साथ, जिन्होंने अपने हेल्थ इंडेक्श के अंकों में सुधार किया, ये राज्य एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप (ईएजी) बनाते हैं. 2017-18 में हरियाणा ने अपने इंडेक्स में सबसे अधिक सुधार देखा, जबकि बिहार में सबसे अधिक गिरावट देखी गई.
(इनपुट: इंडिया स्पेंड)
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