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नोएडा: अस्पतालों के चक्कर काटती रही गर्भवती महिला,एंबुलेंस में मौत

कोरोना के चलते किसी भी हॉस्पिटल ने नहीं दिया बेड, महिला की हुई मौत

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भारत
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कोरोना वायरस का खौफ लोगों के दिल में इस कदर घर कर चुका है कि वो कभी-कभी इंसानियत भी भूलने लगते हैं. मुंबई के बाद अब दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा से एक ऐसी ही खबर आई है. यहां एक गर्भवती महिला को किसी भी अस्पताल ने भर्ती नहीं किया. एंबुलेंस के साथ महिला हॉस्पिटलों के चक्कर काटती रही, लेकिन सबने इलाज करने के मना कर दिया. जिसके बाद महिला ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया.

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न्यूज एजेंसी पीटीआई ने ट्विटर पर इस खबर को लेकर जानकारी दी है. जिसके मुताबिक ग्रेटर नोएडा में एक गर्भवती महिला डिलीवरी के लिए एंबुलेंस में हॉस्पिटल के लिए निकली.

लेकिन आस-पास के किसी भी हॉस्पिटल ने उसे भर्ती करने के साफ इनकार कर दिया. महिला एंबुलेंस में ही हॉस्पिटलों के चक्कर लगाती रहीं, करीब 6-7 हॉस्पिटल और नर्सिंग होम ने इलाज नहीं किया. आखिरकार 13 घंटे बाद महिला ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया.

इस मामले को लेकर फिलहाल जांच के आदेश दिए गए हैं. महिला के परिवार की तरफ से जो दावा किया गया है उसकी जांच के बाद हॉस्पिटल प्रशासन पर कार्रवाई हो सकती है.

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मुंबई में ऑटो में गई थी गर्भवती की जान

ठीक एक ऐसा ही मामला कुछ दिन पहले मुंबई से भी सामने आया था. ठाणे जिले के मुम्ब्रा इलाके में रहने वाली 26 साल की आसमां मेहंदी अपने पति के साथ ऑटो में बैठकर अस्पताल में भर्ती होने गई थी, लेकिन अस्पतालों की लापरवाही ने उनकी जान ले ली. आसमां को अचानक लेबर पेन होने लगा, जिसके बाद घर वाले उन्हें पास के बिलाल हॉस्पिटल लेकर गए, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने गर्भवती महिला को भर्ती करने से मना कर दिया. उसके बाद वो क्रिटीकेयर हॉस्पिटल और यूनिवर्सल हॉस्पिटल भी गए, लेकिन वहां भी महिला को भर्ती नहीं किया गया.

3 घंटो तक अस्पतालों के चक्कर लगाने के बाद वो आखिरकार केसरकर हॉस्पिटल पहुंचे, जहां वो महिला को भर्ती करने पर राजी तो हुए, लेकिन शायद तब तक देर हो चुकी थी, क्योंकि ऑटो में ही गर्भवती महिला ने दम तोड़ दिया था. इस मामले में तीनों अस्पतालों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है.

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