श्रीलंका की राजधानी में हुए सीरियल बम धमाकों ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया. इस हमले की हर तरफ से निंदा हो रही है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को इसकी सजा देने की बात कही जा रही है. लेकिन सवाल अभी भी बरकरार है कि आखिर इस बड़े हमले के पीछे किस संगठन का हाथ है? अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी ने भी नहीं ली है. लेकिन इस्लामिक चरमपंथी संगठन तौहीद जमात को इस हमले के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है.
तमिलनाडु में भी एक्टिव
विदेशी मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक तौहीद जमात ने ही इस हमले को अंजाम दिया है. यह संगठन भारत के तमिलनाडु में भी एक्टिव है. खुफिया एजेंसियां अब जांच में जुट गई हैं और पता लगाया जा रहा है कि आखिर कौन से आतंकी संगठन ने इस हमले को अंजाम दिया है. लेकिन फिलहाल पहले नंबर पर तौहीद जमात का ही नाम सामने आ रहा है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक काफी दिनों पहले ही भारतीय एजेंसियों ने श्रीलंका को आत्मघाती आतंकी हमले की चेतावनी दी थी. लेकिन इस इंटेलिजेंस को श्रीलंका की सुरक्षा एजेंसियों ने नजरअंदाज किया. श्रीलंकन पुलिस चीफ ने एक अलर्ट भी जारी किया था जिसमें कहा गया था कि तौहीद जमात आत्मघाती हमला कर सकता है
श्रीलंका में आमतौर पर काफी एक्टिव रहने वाले संगठन लिब्रेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) भी आत्मघाती हमलों के लिए जाना जाता है. लेकिन इस बार हुए लगातार 8 बम धमाकों में किसी इस्लामिक संगठन का हाथ माना जा रहा है. क्योंकि इस तरह के हमले को आमतौर पर ऐसे संगठन अंजाम देते आए हैं. श्रीलंका तौहीद जमात (SLTJ) श्रीलंका में कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार-प्रसार करने और शरिया कानून का पक्षधर रहा है.
तौहीद जमात को श्रीलंका में रहने वाले बौद्ध समुदाय के लोगों के खिलाफ माना जाता है. कई बार भगवान बुद्ध की मूर्तियां तोड़ने और उन्हें बम लगाकर उड़ाने का आरोप भी इस संगठन पर लगता आया है. भारत के तमिलनाडु में भी इस संगठन की बड़ी सक्रियता मानी जाती है.
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