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सरकार का दावा:निजी कंपनियां नहीं कर रही हैं आधार का गलत इस्‍तेमाल

सरकार ने कहा है कि ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई है जिसमें किसी निजी कंपनी ने आधार डेटा का दुरुपयोग किया हो.

Published
भारत
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केंद्र सरकार ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि निजी कंपनियों की ओर से आधार के आंकड़ों के दुरुपयोग का कोई मामला सामने नहीं आया है. साथ ही कोई विदेशी कंपनी आधार के आंकड़े हासिल नहीं कर सकती.

दिनेश त्रिवेदी के सवाल के लिखित जवाब में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री केजे अल्फोंस ने इस बात की जानकारी दी.

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ये है सरकार की सफाई

केजे अल्फोंस कहा कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार के विभागों और कुछ शिक्षण संस्थानों की करीब 210 वेबसाइटों पर विभिन्न योजनाओं से फायदा हासिल करने वालों की लिस्ट, उनके नाम, पते और आधार संख्या समेत अन्य ब्योरे के साथ सार्वजनिक रूप से डाली गयी थी. संबंधित विभागों को आधार नंबर और अन्य निजी जानकारी हटाने का निर्देश दिया गया है.

मंत्री ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकारों को सलाह दी गई है कि सभी मंत्रालयों और विभागों को इस लिहाज से संवेदनशील बनाया जाए कि वे अपनी वेबसाइट पर जानकारी अपलोड करने में सभी सावधानियां बरतें.

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री ने कहा कि ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई है, जिसमें किसी निजी कंपनी ने आधार डेटा का दुरुपयोग किया हो. मंत्री के मुताबिक किसी विदेशी कंपनी को भी आधार का डाटाबेस और नागरिकों की बायेमेट्रिक जानकारी नहीं मिल सकती.

हाल ही में इस बात का खुलासा हुआ था कि सरकारी वेबसाइट समेत तमाम वेबसाइट पर कई लोगों के आधार कार्ड की निजी जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध है. साधारण से गूगल सर्च की बदौलत कोई भी इन जानकारियों को हासिल कर सकता है. क्विंट ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाया था.

यहां पढ़ें पूरी स्टोरी-  आधार डेटा लीक: देखिए कैसे गूगल पर मौजूद है तमाम निजी जानकारी

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बड़े पैमाने पर डेटा लीक की आई थी रिपोर्ट

पिछले साल बेंगलुरु की सेंटर फॉर इंटरनेट एंड सोसाइटी ने अपनी रिपोर्ट में ये कहा था कि देश के करीब 13.5 करोड़ लोगों का आधार डेटा कथित तौर पर लीक हो चुका है और ये डेटा सिर्फ 4 सरकारी वेबसाइटों से से लीक हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों का सिर्फ आधार डेटा लीक नहीं हुआ है, उनका बैंक अकाउंट नंबर भी लीक होने की संभावना है. CIS की रिपोर्ट में इन चार सरकारी 4 वेबसाइट के नाम बताए गए थे -

  • नेशनल सोशल एसिस्टेंस प्रोग्राम
  • राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना
  • नेशनल सोशल एसिस्टेंस बीमा स्कीम
  • डेली ऑनलाइट पेमेंट रिपोर्ट ऑफ मनरेगा
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इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद UIDAI ने CIS को चिट्ठी लिखकर कथित लीक पर डिटेल रिपोर्ट मांगी थी. UIDAI ने CIS को कथित डेटा चोरी में शामिल लोगों का ब्‍योरा देने के लिए कहा था. इसके बाद CIS ने अपनी वेबसाइट पर सफाई के तौर पर एक अपडेटेड जानकारी पब्लिश की थी, जिसमें डेटा 'लीक' होने के शब्द को हटा दिया गया था.

बता दें कि पिछले साल UIDAI के सीईओ डॉ. अजय भूषण ने क्विंट के साथ हुई एक खास बातचीत में कहा था कि आधार कार्ड से संबंधित डेटा के लीक होने के डर से सभी को निश्चिंत रहना चाहिए, क्योंकि UIDAI से डेटा लीक होना नामुमकिन है. साथ ही उन्होंने दावा किया था कि UIDAI ने आधार कार्ड धारकों की प्राइवेसी को लेकर पूरा ध्यान रखा है.

यहां देखें वीडियो - आधार से डेटा लीक संभव नहीं, बता रहे हैं UIDAI के CEO

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