महाराष्ट्र में प्राइवेट अस्पताल कोरोना वायरस के इलाज के लिए सरकार के तय नियमों से ज्यादा पैसा वसूल रहे हैं. हमारे हाथ एक ऐसा बिल आया है, जिसे देखकर मरीज के होश उड़ गए. ये बिल ठाणे के एक प्राइवेट अस्पलात का है. वो अस्पताल जिसने प्रशासन के निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए एक कोरोना मरीज से ज्यादा पैसे वसूले.
ये बिल एक कोरोना पॉजिटिव मरीज का है, जो ठाणे के वेदांता अस्तपाल में इलाज के लिए भर्ती हुए थे. दरअसल मुंबई और ठाणे के सरकारी अस्पतालों की हालत किसी से छिपी नहीं है. कई अस्पतालों में हाउस फुल के बोर्ड लगे हैं. कहीं एक बेड पर दो मरीजों को रखा जा रहा है. इसी कारण से शायद एक शख्स ने ठाणे के इस निजी अस्पताल में भर्ती होकर अपना इलाज करने का फैसला किया.
भर्ती होने के 13 दिन बाद जब मरीज को अस्पताल ने बिल सौंपा, तो उसके होश उड़ गए. मरीज का बिल 2 लाख के ऊपर था. कुछ पैसे बीमा कंपनी ने दिए, लेकिन करीब 1 लाख रुपये मरीज कोअपनी जेब से भरने पड़े.
सरकारी रेट से ज्यादा पैसे वसूले
कोरोना वायरस से संक्रमित शख्स ने जब बिल को अच्छी तरह देखा, तो पता चला कि आइसोलेशन बेड का चार्ज 6,000 रुपये लगाया गया है, यानी 13 दिन के हिसाब से 78 हजार का बिल. मरीज का बेड, ट्विन बेड था, जिसका सरकारी रेट 5,000 रुपये है. सरकारी रेट की तुलना में मरीज से करीब 13 हजार रुपये ज्यादा वसूले गए. मरीज का ये भी दावा है कि बेड चार्ज में PPE किट्स के पैसे नहीं जोड़े गए. वो अलग से लगाए गए हैं.
ठाणे महानगरपालिका आयुक्त के आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि जनरल वार्ड में आइसोलेशन बेड का चार्ज 4,000 है और ट्विन बेड का 5000 है, जिसमें PPE किट्स, डॉक्टर की विजिट और खाने के पैसे शामिल है.
क्विंट ने अस्पताल से इस बिल पर प्रतिक्रिया मांगी, तो उनका कहना था कि तीन तरह के मरीजों से अलग चार्ज किया जाता है- सरकारी योजना, कैश और बीमा. बता दें कि सरकारी आदेश में अलग चार्ज का कोई जिक्र नहीं है.
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